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ट्रिपल तलाक वैध या अवैध, सुप्रीम कोर्ट आज सुना सकता है फैसला

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है।

Updated on: 22 Aug 2017, 12:02 AM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में 11 से 18 मई तक चली थी सुनवाई
  • केंद्र सरकार दे चुकी है अपनी राय- सरकार ट्रिपल तलाक के पक्ष में नहीं
  • 15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषण में किया था ट्रिपल तलाक का जिक्र 

नई दिल्ली:

पिछले कई सालों से चर्चा में रहे ट्रिपल तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुना सकता है।

चीफ जस्टिस जे. एस खेहर की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच इस बारे में फैसला सुनाएगी। फैसला सुबह करीब 10.30 बजे आ सकता है।

इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 11 से 18 मई तक सुनवाई चली थी। चीफ जस्टिस जे एस खेहर 27 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। 

बता दें कि जो बेंच इस फैसले को सुनाने वाली है, उसमें विभिन्न धर्मों से ताल्लुक रखने वाले जज शामिल हैं। चीफ जस्टिस जेएस खेहर (सिख), जस्टिस कुरियन जोसफ (ईसाइ), जस्टिस रोहिंग्टन एफ नरीमन (पारसी), जस्टिस यूयू ललित (हिंदू) और जस्टिस अब्दुल नजीर (मुस्लिम) हैं।

इस पूरी सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई बातें रखी थीं और विभिन्न पक्षों से भी उनकी राय मांगी थी। वहीं, केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है।

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हाल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रिपल तलाक का जिक्र किया और कहा था कि वह सभी पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने की कोशिश करुंगा।

तीन तलाक को लेकर हुए आंदोंलन को लेकर पीएम ने कहा, 'इस आंदोलन को चलाने वाली बहनों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। इस आंदोलन ने बुद्धिजीवियों को हिला दिया।'

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