सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने दहेज उत्पीड़न कानून (Dowry Harassment Law) पर एतिहासिक फैसला सुनाया है. इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने कहा है कि क्रूरता और दहेज उत्पीड़न के मामलों में महिला का कोई रिश्तेदार भी पति या पति के रिश्तेदारों के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकता है.
जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के एम जोसेफ की पीठ ने फैसले में कहा कि 498ए में कहीं भी ऐसा नहीं लिखा है कि केवल पीड़ित महिला ही शिकायत दर्ज करा सकती है. गौरतलब है कि इसी महीने वैवाहिक कलह में फंसी महिलाओं के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक और राहत भरा आदेश दिया था.
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कोर्ट ने कहा था कि अब दहेज या अन्य प्रकार की यातनाओं के खिलाफ महिलाएं देश के किसी भी हिस्से में मुकदमा दर्ज करा सकती हैं. सीआरपीसी की सेक्शन 177 के मुताबिक कोई भी अपराधिक मामला उसी जगह दर्ज ही सकता है जहां वह घटना घटी है. यानी अगर किसी महिला पर उसके ससुराल में अत्याचार हो रहा है तो वो सिर्फ अपने ससुराल के इलाके के थाना या कोर्ट में शिकायत दर्ज करा सकती है.
Source : News Nation Bureau