देश विरोधी और भड़काऊ पोस्ट पर Twitter और केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
ट्विटर पर नफरत फैलाने वाले, भड़काऊ और राष्ट्रविरोधी कंटेट पर नजर रखने की व्यवस्था बनाये जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई है.
highlights
- देश विरोधी और भड़काऊ पोस्ट के मसले पर सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट ने ट्विटर और सरकार को भेजा नोटिस
- आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर मांगा जवाब
नई दिल्ली:
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) और केंद्र सरकार के बीच इन दिनों खींचतान चल रही है. इस बीच ट्विटर पर नफरत फैलाने वाले, भड़काऊ और राष्ट्रविरोधी कंटेट पर नजर रखने की व्यवस्था बनाये जाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई है. इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और ट्विटर को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. इसके साथ ही कोर्ट ने तय किया है कि सोशल मीडिया (Social Media) पर आपत्तिजनक कंटेंट को लेकर दायर दूसरे मामलों के साथ ही आगे इस मामले की सुनवाई होगी. सुप्रीम ने सरकार से पूछा है कि ट्विटर पर इस तरह के मैसेज आने के बाद उनकी तरफ से क्या किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें : राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को बताया डरपोक तो मुख़्तार अब्बास नक़वी ने दिया ये करारा जवाब
इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में बीजेपी के नेता विनीत गोयनका ने ये अर्जी दायर की थी. विनीत गोयनका ने कहा था कि ट्विटर पर भड़काऊ और देश विरोधी मैसेज पोस्ट किए जाते हैं. इतना ही नहीं, ट्विटर पर विज्ञापन भी दिया जाता है और इसके जरिए नफरत फैलाने वाले मैसेजों को फैलाया जाता है. बीजेपी नेता ने कहा था कि इस पर रोक के लिए फिलहाल कोई दिशा-निर्देश नहीं है. ऐसे में कोर्ट सरकार को इस संबंध में तुरंत दिशा-निर्देश बनाने का आदेश दे. जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है.
गौरतलब है कि किसान आंदोलन को भड़काने में शामिल कई सोशल मीडिया अकाउंट को बंद करने को लेकर सरकार के दिशा-निर्देशों की अनदेखी करने पर जारी गतिरोध के बीच फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नियंत्रण की मांग उठ रही है. खासकर बीजेपी की ओर से फेसबुक और ट्विटर जैसे अनियंत्रित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा बताते हुए रेगुलेशन के लिए सख्त नए-नियम कायदे बनाए जाने की मांग हो रही है.
यह भी पढ़ें : LIVE: राज्यसभा में अनुराग ठाकुर बोले- हम किसानों की आय दोगुनी करके ही छोड़ेंगे
हालांकि बीते दिन फर्जी खबरें और हिंसा को बढ़ावा देने वाली पोस्ट को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सऐप और लिंक्डइन जैसे सोशल मीडिया मंचों को आगाह किया. उन्होंने कहा कि अगर उनका उपयोग भारत में झूठी खबरें फैलाने, हिंसा या वैमनस्य को बढ़ावा देने में किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी. रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान विभिन्न पूरक सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार सोशल मीडिया का सम्मान करती है और इस मंच से लोग अधिकार संपन्न हुए हैं. उन्होंने कहा कि भारत के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है.
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों अमेरिकी संसद भवन में हिंसा और यहां लाल किले में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा के समय ऐसे मंचों का आचरण विरोधाभासी रहा. उन्होंने कहा कि कई सोशल मीडिया मंचों ने अमेरिका में पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया लेकिन यहां भारत में उलटा रुख अपनाया. उन्होंने कहा कि ऐसा दोहरा मानदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता. प्रसाद ने कहा कि ऐसी कंपनियां भारत में काम करें, पैसे कमाएं लेकिन साथ ही वे संविधान और देश के कानूनों का भी पालन करें.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kya Kehta Hai Hinduism: हिंदू धर्म में क्या है मुस्लिमों का स्थान, सदियों पुराना है ये इतिहास
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी आज, इस शुभ मुहूर्त में करें पारण, जानें व्रत खोलने का सही तरीक
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी पर अपनी राशि के अनुसार जपें मंत्र, धन वृद्धि के बनेंगे योग