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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को 'अधिक अधिकार' देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
इससे पहले कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा था कि दोषी लोगों को कैसे किसी पार्टी का प्रमुख बनने या नई पार्टी बनाने की इजाजत दी जा सकती है?
आपको बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
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गौरतलब है कि तीन सदस्यीय पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा था कि कैसे कोई दोषी व्यक्ति किसी राजनीतिक पार्टी का पदाधिकारी हो सकता है। यह हमारे उस फैसले के खिलाफ जाता है जिसमें कहा गया था कि चुनावों की सूचिता से राजनीतिक भ्रष्टाचार को हटाया जाना चाहिए।'
सुप्रीम कोर्ट ने यह नोटिस बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए भेजा है।
याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट सरकार को आदेश दे कि मुख्य चुनाव आयुक्त के जैसे ही अन्य दो चुनाव आयुक्तों को समान अधिकार मिले और इनको हटाने की एकसमान प्रक्रिया अपनाई जाए।
इसके अलावा बीजेपी नेता ने याचिका में आपराधिक मामलों मे दोषी लोगों को पार्टी पदाधिकारी बनने या नई पार्टी बनाने से रोकने की मांग की है।
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Source : News Nation Bureau