मुजफ्फरपुर: शेल्टर होम यौन शोषण मामले में मीडिया कर सकती है रिपोर्टिंग, सुप्रीम कोर्ट ने हटाया बैन
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे बैन को हटा दिया है. पटना हाई कोर्ट ने शेल्टर होम मामले में रिपोर्टिंग पर बैन लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने मीडिया को जिम्मेदार तरीके से रिपोर्टिंग करने को कहा है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर लगे बैन को हटा दिया है. बता दें कि पटना हाई कोर्ट ने शेल्टर होम मामले में रिपोर्टिंग पर बैन लगा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बदलते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्टिंग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है. इसके साथ ही कोर्ट ने मीडिया को जिम्मेदार तरीके से रिपोर्टिंग करने को कहा है.
Muzaffarpur shelter home case: Supreme Court sets aside the Patna High Court order which had restrained the media from reporting on the case, asks media to highlight and report the case in a more responsible manner.
— ANI (@ANI) September 20, 2018
बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में कई लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और यौन शोषण का मामला सामने आया था. इस मामले में 23 अगस्त पटना हाई कोर्ट ने मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी.
सीबीआई की नई टीम गठित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक
गौरतलब है कि बुधवार यानी कल मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस मामले में जांच के लिए सीबीआई (CBI) को नई टीम गठित करने के पटना हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए कहा कि अगर जरूरत महसूस हुई तो वो पटना हाई कोर्ट से लंबित मामले को अपने पास ट्रांसफर कर लेगा औऱ खुद इस मामले की मॉनिटरिंग करेगा. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से कहा गया कि सीबीआई के डायरेक्टर की तरफ से गठित की गई टीम में फेरबदल की जरूरत नहीं क्योंकि ऐसा करने से जांच और पीड़ित के हित प्रभावित होंगे.
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन शोषण मामले में पटना हाई कोर्ट ने जांच में ढिलाई को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी और आदेश दिया था कि एसआईटी गठित कर केस की नए सिरे से जांच की जाए.
कैसे आया मामला सामने ?
गौरतलब है कि 'सेवा संकल्प एवं विकास समिति' द्वारा संचालित बालिका आश्रय गृह में 34 लड़कियों से दुष्कर्म की बात एक सोशल अडिट में सामने आई थी। बिहार समाज कल्याण विभाग ने मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था, जिसमें यौन शोषण का मामला उजागह हुआ था। इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई।