सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के सभी शेल्टर होम में बच्चों के साथ यौन शोषण के मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी है. बता दें कि मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में पहले से ही सीबीआई जांच चल रही है. अब बाकी 16 शेल्टर होम में बच्चों के साथ ऐसे मामलों की जांच सीबीआई ही करेगी. कोर्ट ने बिहार सरकार की अब तक जांच पर गहरी नाराजगी जाहिर की और जांच सीबीआई को न सौंपने के बिहार सरकार के वकील के बार बार किये अनुरोध को ठुकरा दिया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सीबीआई का पक्ष रख रहे अधिवक्ता से पूछा कि 'वो सीबीआई से पूछें कि क्या सीबीआई TISS (टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइट्स) के रिपोर्ट पर आधारित बिहार के अन्य आश्रय गृह में हुए रेप मामले की जांच कर सकती है?'
बिहार सरकार के वकील ने बुधवार को 24 घण्टे के अंदर स्टेटस दाखिल करने की मोहलत मांगते हुए बिहार पुलिस की जांच जारी रखने की मांग की है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को निर्देश दिया कि वो सीबीआई को जांच में हरसम्भव मदद करे. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की रिपोर्ट में रखे गए सभी आरोपों की जांच हो. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मुजफ्फरपुर रेप केस में 7 दिसंबर तक चार्जशीट दायर हो जाएगी.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कमज़ोर FIR दर्ज़ किए जाने को लेकर कहा, 'अगर हमने पाया कि अपराध 377 IPC और POCSO एक्ट के तहत हुआ है और आपने FIR में इसका ज़िक्र नहीं किया है तो हम बिहार सरकार के ख़िलाफ़ एक आदेश पारित करेंगे.'
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बिहार सरकार को फ़टकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप क्या कर रहे हैं? यह शर्मनाक है. अगर एक बच्ची के साथ रेप हुआ है और आप कह रहे हैं कि कुछ नहीं हुआ? आप ऐसा कैसे कर सकते हैं? यह पूरी तरह से अमानवीय है. हमने पहले भी कहा था कि इस मामले को बेहद संवेदनशीलता के साथ देखा जाए क्या यही आपकी संवेदनशीलता है?' जब भी हमने यह फ़ाइल पढ़ी मुझे दुख़द लगी.'
Source : News Nation Bureau