आए दिन स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त होते हैं, लेकिन इन दुर्घटनाओं के बावजूद भी स्कूल प्रशासन और बस ऑपरेटर्स लगातार नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं। कई बार प्रशासन जानते हुए भी आंख मूंद लेता है।
उत्तर प्रदेश के एटा में हुए दर्दनाक बस हादसे में 24 बच्चों की मृत्यु हो गई है। 30 से ज्यादा बच्चे घायल भी हैं। इन हादसों के कारण अभिभावकों को बच्चों की चिंता लगी रहती है। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल बसों के लिये दिशा निर्देश भी जारी किया है लेकिन उनका पालन कम ही होता है। जानते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के क्या दिशा निर्देश क्या हैं।
बस का रंग पीला होना चाहिये
बस के आगे और पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिये
यदि बस किसी ऑपरेटर से ली गई है तो उसपर भी स्कूल ड्यूटी लिखा होना चाहिए
खिड़की की खिड़कियों पर ग्रिल और शीशा भी होना चाहिए
आग बुझाने का इंतजाम बस में होना ज़रूरी है
बस में फर्स्ट एड बॉक्स का होना चाहिये
स्कूल बस पर स्कूल का नाम, पता और उसका फोन नंबर भी लिखा होना चाहिए
बच्चों को चढ़ाने उतारने के लिये स्कूल का एक सहायक या सहायिका भी होना ज़रूरी है
बस के दरवाज़े ठीक से बंद होते हैं और चलती बस के दरवाज़ा लॉक होना चाहिए
बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिये और उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिये
यदि कोई स्कूल इन नियमों की अनदेखी कर रहा हो तो अभिभावक इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात कर सकते हैं और यदि उसके बाद भी कार्रवाई न हो तो इसकी शिकायत प्रशासन से भी की जा सकती है।
Source : News Nation Bureau