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जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से आर्टिकल 370 (Article 370 and Article 35-A) और आर्टिकल 35-ए को हटाने को लेकर दायर की सभी याचिकाओं पर 1 अक्टूबर 2019 दिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. संविधान पीठ ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने पर जवाब देने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) को 5 हफ्ते का वक्त दिया है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 नबंवर को की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को कश्मीर को लेकर दायर सभी याचिकाओं को पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए भेजा था. इन याचिकाओं में कश्मीर में पत्रकारों के काम को लेकर प्रतिबंध और घाटी में नाबालिगों की कथित अवैध हिरासत का दावा करने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं.जस्टिस एनवी रमण की अगुवाई वाली संविधान बेंच में कश्मीर मामले से जुड़े मामलों की सुनवाई मंगलवार से शुरू हुई.
Supreme Court granted Centre four weeks time to file its reply on the various petitions challenging abrogation of Article 370 in Jammu and Kashmir and fixed the matter for further hearing on November 14.
— ANI (@ANI) October 1, 2019
दरअसल, केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35-ए के सारे प्रावधानों को खत्म कर दिया. इसी के साथ जम्मू कश्मीर से लद्दाख को भी अलग कर दिया गया और दोनों ही नए राज्यों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया. इस फैसले के बाद से ही कश्मीर में तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं. कई अलगाववादी नेताओं को उनके घर पर ही नजरबंद कर लिया गया.
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इसके बाद से ही कश्मीर और श्रीनगर में नेताओं के दौरे पर पाबंदी है. वहीं, मोबाइल सर्विस और इंटरनेट की सेवाएं भी बंद है. इन्हीं पाबंदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है.
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प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई के लिए शनिवार को एक संविधान पीठ गठित की थी. पीठ के सदस्यों में जस्टिस एन वी रमण, जस्टिस एस के कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं.
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