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SC ने अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को दी राहत, 23 फरवरी तक नहीं होगी गिरफ्तारी

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

Updated on: 31 Jan 2022, 02:18 PM

नई दिल्ली:

शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) को सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ी राहत दी. अदालत ने उनको 23 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान की है और 23 फरवरी को ही संबंधित ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण करने और ड्रग मामले में नियमित जमानत के लिए आवेदन करने के लिए कहा है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पंजाब सरकार से मौखिक रूप से कहा था कि वह एक मादक पदार्थ मामले में विक्रम मजीठिया की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका पर 31 जनवरी को सुनवाई होने से पहले तक उनके खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए. 

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा, न्यायमूर्ति ए.एस.बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने मजीठिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी की इस दलील पर गौर किया था कि अग्रिम जमानत याचिका पर तुरंत सुनवाई की जरूरत है क्योंकि आरोपी को ”राजनीतिक प्रतिशोध” का सामना करना पड़ रहा है.

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 24 जनवरी को मजीठिया की गिरफ्तारी-पूर्व जमानत याचिका खारिज कर दी थी. राज्य में 20 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए नामांकान की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हुई थी. मजीठिया (46) के खिलाफ बीते माह  एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था, इसके बाद उन्होंने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था.

हाईकोर्ट ने 10 जनवरी को उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी। 12 जनवरी को जांच से जुड़ने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने देश नहीं छोड़ने समेत कुछ शर्तें भी   लगाई थीं. इसके बाद अंतरिम राहत की अवधि 18 जनवरी तक बढ़ा दी गई. मजीठिया एसएडी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर  बादल के भाई हैं.

49 पेजों की चार्जशीट की थी दाखिल

पंजाब के पूर्व मंत्री के खिलाफ राज्य में मादक पदार्थ रैकेट की जांच से संबंधित 2018 की रिपोर्ट के आधार पर एनडीपीएस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में राज्य की अपराध शाखा ने मोहाली पुलिस थाने में 49 पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की थी. बिक्रम सिंह मजीठिया से विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 12 जनवरी   को मादक पदार्थ मामले में दो घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी. एसआईटी मजीठिया के खिलाफ मादक पदार्थ निषेध संबंधित एनडीपीएस कानून के तहत मामले  में छानबीन कर रही है. पूछताछ के बाद मजीठिया ने कहा था कि उन्होंने जांच अधिकारियों को इस मामले में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया. मजीठिया के वकील दमनबीर सिंह सोबती ने कहा था कि राज्य के पूर्व मंत्री जांच में हर संभव सहयोग करने के लिए तैयार हैं.