सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु सरकार को शैक्षणिक वर्ष 2021-22 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सेवारत उम्मीदवारों के लिए सुपर स्पेशियलिटी कोर्स (डीएम/एमसी) में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने की अनुमति दी।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई ने कहा, हमारा विचार है कि अंतरिम संरक्षण जारी रखने के लिए कोई मामला नहीं बनता है जो कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए अंतरिम आदेश दिनांक 27 नवंबर, 2020 के तहत दिया गया था और इस प्रकार, हम उस प्रार्थना को अस्वीकार करते हैं कहने की जरूरत नहीं है कि तमिलनाडु राज्य शैक्षणिक वर्ष 2021-22 के लिए उक्त जीओ (सरकारी आदेश) के अनुसार उसके द्वारा प्रदान किए गए आरक्षण को ध्यान में रखते हुए काउंसलिंग जारी रखने के लिए स्वतंत्र होगा।
शीर्ष अदालत ने डॉ. एन. कार्तिकेयन और अन्य की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें शैक्षणिक वर्ष 2020-2021 के लिए अंतरिम सुरक्षा की मांग की गई थी। 1992 के इंद्रा साहनी (मंडल आयोग) मामले का हवाला देते हुए याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नौ-न्यायाधीशों की पीठ के फैसले के अनुसार सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कोई आरक्षण नहीं हो सकता है।
तमिलनाडु सरकार ने 7 नवंबर, 2020 को राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सेवारत उम्मीदवारों के लिए 50 सुपर स्पेशियलिटी सीटों (डीएम/एमसीएच) का आरक्षण प्रदान करते हुए एक जीओ जारी किया था।
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Source : IANS