एक महिला पशु चिकित्सक की सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्या के चार संदिग्धों के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की जांच कर रहे उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित जांच आयोग ने रविवार को चटनपल्ली का निरीक्षण किया, जहां दो साल पहले पुलिस ने आरोपियों को मार गिराया था।
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की जांच अंतिम चरण में बताई जाती है। आयोग के सदस्यों ने हैदराबाद से लगभग 50 किलोमीटर दूर शादनगर शहर के पास चटनपल्ली का दौरा किया।
आयोग की अध्यक्ष वी.एस. सिरपुरकर और सदस्य न्यायमूर्ति रेखा पी. सोंदूर बलदोटा व डॉ. डी.आर. कार्तिकेयन ने खुले मैदानों का निरीक्षण किया, जहां 6 दिसंबर, 2019 को एक कथित मुठभेड़ में चारों आरोपी मारे गए थे। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग के अंडरपास का भी दौरा किया, जहां 27 नवंबर, 2019 को पीड़िता का अधजला शव मिला था।
आयोग के शादनगर थाने के दौरे के दौरान कुछ स्थानीय निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने जांच का विरोध करने और संदिग्धों की हत्या को सही ठहराते हुए नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारी थाने के सामने सड़क पर बैठ गए और सिरपुरकर आयोग वापस जाओ के नारे लगाने लगे। बाद में पुलिस ने लाठियां भांजकर प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया।
आयोग के दौरे के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे।
आयोग हैदराबाद के बाहरी इलाके में टोंडुपल्ली टोल प्लाजा के पास खुले भूखंड का भी निरीक्षण कर सकता है, जहां कथित तौर पर महिला पशु चिकित्सक के साथ दुष्कर्म किया गया था और बाद में हत्या कर दी गई थी।
आयोग ने अगस्त में कार्यवाही शुरू की और पिछले महीने इसे समाप्त कर दिया। अयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को 2 फरवरी, 2022 को सौंपे जाने की संभावना है।
आयोग ने कई गवाहों, पुलिस अधिकारियों और मारे गए चार लोगों के परिवार के सदस्यों से पूछताछ की। पुलिस अधिकारियों में तत्कालीन साइबराबाद पुलिस आयुक्त वी.सी. सज्जनर, जांच अधिकारी सुरेंद्र रेड्डी, विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख और रचकोंडा आयुक्त महेश बागवत और पुलिस उपायुक्त प्रकाश रेड्डी शामिल थे।
आयोग का गठन 12 दिसंबर, 2019 को चार आरोपियों की हत्या की परिस्थितियों की जांच करने के लिए किया गया था।
चारों आरोपियों की हैदराबाद के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 के किनारे चटनपल्ली में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। यह वही जगह है, जहां 27 वर्षीय दिशा (जैसा कि जांचकर्ताओं ने नाम बताया है) का अधजला शरीर मिला था।
पुलिस के अनुसार, दिशा का 27 नवंबर, 2019 की रात हैदराबाद के बाहरी इलाके में आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के पास अपहरण और यौन उत्पीड़न किया गया था। यौन उत्पीड़न के बाद आरोपी ने उसकी हत्या कर दी थी और शव को चटनपल्ली ले जाकर आग लगा दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आयोग का गठन किया, जिसमें संदेह जताया गया था कि पुलिस ने आरोपियों को उनकी हिरासत में मार दिया और इसे एक मुठभेड़ के रूप में पेश किया।
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Source : IANS