सर्वोच्च न्यायालय ने विकलांग व्यक्तियों के घर-घर जाकर टीकाकरण की मांग वाली जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने विकलांगों के लिए प्राथमिकता वाले कोविड -19 टीकाकरण की मांग करने वाले एक विकलांगता अधिकार संगठन इवारा फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत संघ को नोटिस जारी किया, क्योंकि वे वायरस से प्रभावित होने के उच्च जोखिम का सामना करते हैं।
पीठ ने कहा, चूंकि याचिका विकलांगों के अधिकारों से संबंधित महत्वपूर्ण सवाल उठाती है। हम भारत संघ को नोटिस जारी करते हैं।
शीर्ष अदालत ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि वह उठाए गए कदमों और याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के संबंध में सहायता करें।
पीठ ने मामले को दो सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए निर्धारित किया है।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता पंकज सिन्हा ने भी मामले में राज्य सरकारों को नोटिस जारी करने की मांग की। हालांकि, पीठ ने कहा कि केंद्र स्वास्थ्य नीति तैयार करता है और वह याचिका में उठाए गए मुद्दों पर अपनी नीति देखना चाहेगी।
पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 32 के तहत याचिका उन कदमों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास करती है, जो विकलांग व्यक्तियों के लिए टीकाकरण तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक हैं।
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Source : IANS