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सुप्रीम कोर्ट ने NRC मसौदे में नाम शामिल, आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा बढ़ाई

सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) ड्राफ्ट में दावा पेश करने को लेकर राहत दी है.

Updated on: 12 Dec 2018, 05:24 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) ड्राफ्ट में दावा पेश करने को लेकर राहत दी है. कोर्ट ने करीब 40 लाख दावों और आपत्तियों को दाखिल करने की डेडलाइन को 31 दिसंबर तक बढ़ा दी है. प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन की पीठ ने कहा कि दावे और आपत्ति दाखिल करने वालों को नोटिस जारी करने की शुरुआत एक फरवरी 2019 से होगी और सत्यापन 15 फरवरी से किया जाएगा. इससे पहले 15 दिसंबर डेडलाइन थी जिसे अब बढ़ा दिया गया है जबकि 15 जनवरी 2019 से नोटिस जारी करने और सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत एक फरवरी से होनी थी.

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अदालत ने असम सरकार द्वारा दाखिल एक आवेदन पर समयसीमा को बदला है. सरकार ने दावे और आपत्ति दाखिल करने की समय सीमा एक महीने बढ़ाने की मांग की थी. एनआरसी कोर्डिनेटर प्रतीक हजेला ने कोर्ट में कहा कि फाइनल ड्राफ्ट में 40 लाख लोगों में से 148 लाख लोगों ने क्लेम फाइल किया था. पहले सत्यापन प्रक्रिया की शुरुआत एक फरवरी थी. राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) का मसौदा 30 जुलाई को प्रकाशित हुआ था और उसमें कुल 3.29 करोड़ आवेदनों में से 2.9 करोड़ लोगों को जगह मिली थी. उनमें 1951 की एनआरसी, 1971 से पहले की मतदातासूची, नागरिकता प्रमाणपत्र, शरणार्थी पंजीकरण प्रमाणपत्र और राशन कार्ड शामिल हैं. एनआरसी अद्यतन पर नजर रख रही शीर्ष अदालत हाजेला के अनुरोध पर 23 अक्तूबर को आदेश देगी.