सुप्रीम कोर्ट की शक्ति पर बोले अटॉर्नी जनरल, संवैधानिक नैतिकता का उपयोग खतरनाक हो सकता है

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सबरीमाला केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबरीमाला मामले में, असंतोष न्यायाधीश ने कहा कि हम आस्था के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सबरीमाला केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबरीमाला मामले में, असंतोष न्यायाधीश ने कहा कि हम आस्था के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं.

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nitu pandey
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सुप्रीम कोर्ट की शक्ति पर बोले अटॉर्नी जनरल, संवैधानिक नैतिकता का उपयोग खतरनाक हो सकता है

Attorney General KK Venugopal

अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सबरीमाला केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सबरीमाला मामले में, असंतोष न्यायाधीश ने कहा कि हम आस्था के मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं. लेकिन अन्य 4 न्यायाधीशों ने संवैधानिक नैतिकता का सामना किया. सुप्रीम कोर्ट के लिए एक व्यक्ति से निपटना एक बात है, लेकिन यहां आप पूरी आबादी से निपट रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि मैं इस फैसले में असहमत रहने वाले न्यायाधीश से सहमत हूं, जिन्होंने कहा था कि धार्मिक परंपराओं को तर्क की कसौटी पर नहीं परखा जा सकता.

उन्होंने कहा कि संवैधानिक नैतिकता का उपयोग बहुत खतरनाक हो सकता है और हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि यह हमें कहां ले जाएगा. मुझे आशा है कि संवैधानिक नैतिकता मर जाएगी. अन्यथा, हमारे पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू का डर कि सुप्रीम कोर्ट तीसरा कक्ष बन जाएगा (संसद का) सच हो सकता है.

के के वेणुगोपाल ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 'अपने आप में विशाल शक्ति हासिल की है जो दुनिया के किसी भी सर्वोच्च न्यायालय ने कभी प्रयोग नहीं की.

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गौरतलब है कि देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने शनिवार को कहा कि स्वतंत्रता एक स्थायी महत्व की चीज है, जिसका लेन - देन नहीं किया जा सकता. वहीं, नागरिक स्वतंत्रता को किसी तरह से कमतर करना अव्यवस्था और अराजकता की ओर ले जाएगा.

दीपक मिश्रा ने कहा कि स्वतंत्रता के बगैर जीवन निरर्थक है और स्वतंत्रता के लिए असहमति का अवश्य ही स्वागत करना चाहिए.

Source : News Nation Bureau

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