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सुप्रीम कोर्ट ने 100% VVPAT की मांग वाली TMC नेता की याचिका खारिज की

प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम चुनाव प्रक्रिया के बीच में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं. याचिकाकर्ता गोपाल सेठ की ओर से पेश वकील ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नागरिकों का अधिकार है.

Updated on: 20 Apr 2021, 05:00 AM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की टीएमसी नेता की याचिका
  • टीएमसी नेता ने 100%VVPAT मशीन की मांग की थी
  • सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप से किया इंकार

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तृणमूल कांग्रेस के एक नेता द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ वोटों की 100 प्रतिशत वेरीफिकेश की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया. वीवीपीएटी ईवीएम का उपयोग करके मतदाताओं को प्रतिक्रिया प्रदान करने का एक तरीका है. प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, हम चुनाव प्रक्रिया के बीच में हस्तक्षेप नहीं करने जा रहे हैं. याचिकाकर्ता गोपाल सेठ की ओर से पेश वकील ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नागरिकों का अधिकार है. इस पर पीठ ने जवाब देते हुए कहा, हम इस पर आपसे सहमत हैं, लेकिन हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

सेठ ने अपनी याचिका पर विचार करने के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट के इनकार को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जब प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या भारत के चुनाव आयोग में कोई प्रतिनिधित्व दाखिल किया गया है, तो उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया और कहा कि चुनाव आयोग ने सुझाव की सराहना की है. पीठ ने दोहराया कि वह मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगी.

बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कई राजनीतिक दलों द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान 50 प्रतिशत वीवीपीएटी वेरीफिकेशन की मांग को लेकर दायर एक याचिका को खारिज कर दिया था. हालांकि, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को एक संसदीय क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वीवीपीएटी फिजिकल वेरीफिकेशन को पांच ईवीएम तक बढ़ाने का निर्देश दिया था. मालूम हो कि वीवीपीएएटी को वोटिंग मशीनों के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन प्रणाली माना जाता है, जो मतदाताओं को यह सत्यापित करने की अनुमति देती है कि उन्होंने अपना वोट सही किया है या नहीं.

अग्नि परीक्षा से गुजर चुकी है वीवीपैट मशीन
लोकसभा चुनाव 2019 में EVM की विश्वसनीयत पर विपक्षी दलों की ओर से जमकर सवाल उठाए गए. मांग यह भी हुई कि ईवीएम और वीवीपैट की ज्यादा से ज्यादा पर्चियों का मिलान किया जाए. लेकिन चुनाव आयोग के आंकड़े कहते हैं कि ईवीएम और वीवीपैट का मिलान पूरी तरह से सही है. जिस भी ईवीएम और वीवीपैट की पर्ची का मिलन किया गया. वह 100 प्रतिशत सही साबित हुआ. सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के मुताबिक 20625 वीवीपैट में से एक भी मशीन के आंकड़े बदले हुए नहीं मिले. जितने वोट ईवीएम मशीन पर दिखे वीवीपैट में से उतनी ही पार्चियां बाहर आईं.