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सुप्रीम कोर्ट( Photo Credit : फाइल फोटो)
उपहार सिनेमा अग्नि कांड के पीड़ितो को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितो द्वारा दायर की गई क्यूरेटिव पीटिशन को खारिज किया गया है. इसी के साथ कोर्ट ने खुली अदालत में मामल की सुनवाई से भी इनकार कर दिया है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला 13 फरवरी को ही दे दिया था लेकिन उसे जारी अब किया गया है. फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा है कि क्यूरेटिव पिटिशन का कोई में कोई मेरिट नहीं है.
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क्या थी पीड़ितो की मांग?
पीड़ितो ने क्यूरेटिन पिटिशन के जरिए अंसल बंधुओं (सुशील और गोपाल अंसल) को जेल भेजने की मांग की थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों की इस मांग को खारिज कर दिया. बता दें, इससे पहले 2015 में अंसल बंधुओं पर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया था.
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Uphaar Cinema fire tragedy case: Supreme Court dismisses the curative petitions filed by the victims of 1997 Uphaar Cinema fire tragedy case. pic.twitter.com/RZ45M1Lzek
— ANI (@ANI) February 20, 2020
बता दें, साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में शुक्रवार 13 जून, 1997 को 'बॉर्डर' फिल्म के प्रदर्शन के दौरान आग लग गई थी.. इस घटना में 59 लोगों की जान चली गई थी और सौ से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे. जांच के दौरान ऐसा पाया गया कि इस घटना के पीछे सिनेमा मालिकों की जबरदस्त लापरवाही थी. सिनेमा हॉल में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। इसके साथ ही सिनेमा हॉल में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी नहीं किये गये थे. आग सिनेमा हाल के बेसमेंट में रखे जनरेटर से शुरू हुई थी और धीरे-धीरे पूरे हॉल में फैल गई। हादसे के बाद हॉल में भगदड़ मची और 59 लोग आग में जिंदा जल गए. मरने वालों में महिलाओं और छोटे बच्चों की संख्या अधिक थी। अदालत ने सिनेमा के मालिकों गोपाल अंसल और सुशील अंसल को अग्निकांड के लिए दोषी माना और हर्जाना देने का आदेश दिया