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1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी को सुप्रीम कोर्ट बड़ा झटका, पढ़ें पूरी खबर

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस. नागामुथ की दलीलों पर कोई राय व्यक्त नहीं की. याचिकाकर्ता ने उस वक्त अपने नाबालिग होने के आधार पर शीर्ष अदालत का रुख किया था. याचिका इस तथ्य पर आधारित थी कि एक अन्य टाडा मामले में शीर्ष अदालत

Updated on: 28 Nov 2020, 06:06 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के दोषी ठहराए जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे मुहम्मद मोइन फरीदुल्ला कुरैशी की सजा में उदारता बरतने के अनुरोध वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कुरैशी ने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत शीर्ष अदालत का रुख किया था. जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में जस्टिस इंदु मल्होत्रा और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि याचिका में मांगी गई राहत के लिए अनिवार्य रूप से अदालत की आवश्यकता होगी, जो अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाकर्ता पर लगाई गई सजा को पलट सकती है. यह सजा एक नामित अदालत ने दी है.

पीठ ने कहा, अनुच्छेद 32 के तहत इस याचिका पर वे उपाय काम नहीं आएंगे, इसलिए इस याचिका को खारिज किया जाता है. हालांकि, शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एस. नागामुथ की दलीलों पर कोई राय व्यक्त नहीं की. याचिकाकर्ता ने उस वक्त अपने नाबालिग होने के आधार पर शीर्ष अदालत का रुख किया था. याचिका इस तथ्य पर आधारित थी कि एक अन्य टाडा मामले में शीर्ष अदालत ने 9 मार्च, 2011 के एक आदेश पर किशोर की दलील को आगे बढ़ाने की अनुमति दी थी.

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दाऊद इब्राहिम पर हैं मुंबई धमाकों के आरोप
मुंबई बम धमाकों का आरोप अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम पर है वहीं इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड टाइगर मेमन को बताया जाता है. साल 1993 मुंबई में सीरीयल बम धमाकों के बाद से ही दाऊद इब्रामहिम देश छोड़कर भाग गया है और इसमें शामिल लोग या तो गिरफ्तार कर लिए गए हैं या फिर देश छोड़कर फरार हो गए हैं. इंटेलिजेंस डोसियर में बताया गया है कि 59 वर्षीय टाइगर मेमन ने मुंबई में सीरियल बम धमाकों को अंजाम देने के लिए अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से मदद मांगी थी. जहां दाऊद इब्राहिम के कराची के पते के बारे में पता चल गया वहीं टाइगर मेमन के ठौर-ठिकाने के बारे में किसी को भनक तक नहीं थी.

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फरार है मुंबई सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड टाइगर मेमन
मुंबई सीरियल धमाकों के मुख्य अभियोजक उज्‍जवल निकम कहते हैं, हमारे पास कराची में दाऊद इब्राहिम की मौजूदगी को लेकर पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन हमें टाइगर मेमन के मामले में बहुत कम जानकारी है, जो मुख्य आरोपी है. पिछली बार जब पुलिस ने टाइगर मेमन का पता लगाया था, वह जुलाई 2015 में था. टाइगर ने मुंबई में सीरियल बम धमाकों में अपने छोटे भाई याकूब को फांसी दिए जाने से घंटों पहले मुंबई में अपनी मां को फोन किया था. फोन पर अपनी मां के साथ तीन मिनट की बातचीत में, टाइगर ने याकूब की फांसी का बदला लेने की कसम खाई थी. उसके बाद से टाइगर के बारे में कुछ पता नहीं चला.