चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट से बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती को बड़ी राहत मिली हैं। कोर्ट ने मायावती के खिलाफ दायर याचिका को ख़ारिज कर दिया हैं। इस याचिका में मायावती पर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप में पार्टी की सदस्यता को रद्द कर देने की मांग थी।
मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा,' राज्य में चुनाव प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं। अब इस तरह की शिकायतों पर गौर करना चुनाव आयोग का काम हैं। कोर्ट इस मामले में दखल नहीं दे सकता है।'
उत्तरप्रदेश बीजेपी कार्यकारिणी सदस्य नीरज शंकर सक्सेना ने इस याचिका को दायर किया था। याचिकाकर्ता ओर से दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि 3 जनवरी को की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने मुस्लिम समुदाय के लोगों को बीएसपी के पक्ष में वोट करने की अपील की।
याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के हालिया दिये गए फैसले के मुताबिक ग़लत है और इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
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याचिककर्ता ने अदालत में दलील दी कि उसने इससे पहले चुनाव आयोग और इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की। वहीं हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया था कि इस मसले पर चुनाव आयोग नियम के तहत इसका निपटारा करेगा ।