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हाथरस केस में अरेस्‍ट केरल के पत्रकार को इलाज के लिए किया जाएगा दिल्ली शिफ्ट, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

देशद्रोह और आतंकवाद के आरोप में छह महीने से अधिक समय से मथुरा जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम आदेश दिया है.

Updated on: 28 Apr 2021, 03:06 PM

highlights

  • सिद्दीकी कप्‍पन को दिल्ली शिफ्ट करने का आदेश
  • इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट का आदेश SC ने दिया
  • हाथरस केस में गिरफ्तार हुआ था केरल का पत्रकार

नई दिल्ली:

देशद्रोह और आतंकवाद के आरोप में छह महीने से अधिक समय से मथुरा जेल में बंद केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को अहम आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को इलाज के लिए दिल्ली शिफ्ट किया जाए. सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि इलाज के बाद सिद्दीकी कप्पन जब ठीक हो जाएगा तो उसे फिर मथुरा जेल में शिफ्ट किया जाए.

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सुप्रीम कोर्ट आज पत्रकार सिद्दीकी कप्पन की जमानत की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि गिरफ्तार पत्रकार सिद्दीक कप्पन को आरएमएल या एम्स में स्थानांतरित किया जाए या जहां भी इलाज किया जा सके. कोर्ट का कहना है कि कप्पन के इलाज के बाद डॉक्टर द्वारा उसे ठीक होने के प्रमाण के बाद उसे वापस मथुरा जेल में स्थानांतरित किया जाए.

बता दें कि सिद्दीकी कप्पन हाल ही में कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. मथुरा जेल के वरिष्ठ अधीक्षक शैलेंद्र मैत्रेय की मानें तो वह पिछले मंगलवार की रात बैरक के अंदर गिर गए थे. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए जेल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनकी कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आई.

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गौरतलब है कि हाथरस में युवती के साथ सामूहिक गैंगरेप और उसकी मौत के मामले में पिछले साल 5 अक्टूबर को हाथरस जाते समय केरल के पत्रकार सिद्दीकी कप्पन को रास्ते में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में अपने हलफनामे में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया था कि कप्पन पत्रकारिता की आड़े में जातीय कटुता और कानून व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने की योजना से हाथरस जा रहा था. हालांकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई पर इस मामले में साजिश के आरोप लगे थे. इस मामले में पीएफआई से जुड़े अन्य 4 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था.

मालूम हो कि हाथरस के एक गांव में पिछले साल 14 सितंबर एक दलित युवती से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार हुआ था। इस घटना में बुरी तरह जख्मी युवती की बाद में सफदरजंग अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. मृतक का रात में ही उसके परिजनों की कथित तौर पर सहमति के बगैर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया था, जिसे लेकर जनता में जबर्दस्त आक्रोष व्याप्त हो गया था. इस घटना से जहां पूरे देश में आक्रोश था तो वहीं इस पर जमकर राजनीति भी हुई थी.