लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह जल्द लोकपाल नियुक्त करे। कोर्ट ने कहा है कि लोकपाल की नियुक्ति में देरी की कोई वजह नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, 'लोकपाल एक्ट आज जिस रूप में है वह अपने आप में सक्षम है और नियुक्ति के लिये किसी केंद्र सरकार को संशोधन के इंतज़ार की ज़रूरत नहीं है।' लोकपाल की नियुक्ति को लेकर दायर तमाम याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट के जज रंजन गोगोई और नवीन सिन्हा की बेंच ने यह फैसला सुनाया।
लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी के लेकर 7 जनहित याचिकाएं दायर की गई थीं। इसमें कोर्ट से मांग की गई थी कि वह सरकार को जल्द से जल्द लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दे।
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इससे पहले 28 मार्च को करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता कॉमन कॉज की तरफ से वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकार जान-बूझकर कर लोकपाल की नियुक्ति में देरी कर रही है।
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केंद्र सरकार ने कहा था कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून 2013 के अनुसार लोकपाल की नियुक्ति के लिए नेता विपक्ष का होना जरूरी है और अभी लोकसभा में कोई नेता विपक्ष ही नहीं है।
अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा था कि सरकार इस दिशा में काफी गंभीर है और सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को चयन समिति में जगह देने के लिए लोकपाल कानून में बदलाव करने की प्रक्रिया में जुटी है।
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Source : News Nation Bureau