सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश, आय से अधिक सम्पति मामलों पर सरकार बनाये स्पेशल कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि बेहताशा सम्पत्ति अर्जित करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मौजूदा व्यवस्था प्रभावी नही है, और इस तरह के मामलो में तेजी से ट्रायल चलाने के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन की जरूरत है।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि बेहताशा सम्पत्ति अर्जित करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मौजूदा व्यवस्था प्रभावी नही है, और इस तरह के मामलो में तेजी से ट्रायल चलाने के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन की जरूरत है।

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vineet kumar1
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सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को निर्देश, आय से अधिक सम्पति मामलों पर सरकार बनाये स्पेशल कोर्ट

SC का केंद्र को निर्देश, आय से अधिक मामलों पर बनाये स्पेशल कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा है कि बेहताशा सम्पत्ति अर्जित करने वाले जनप्रतिनिधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मौजूदा व्यवस्था प्रभावी नही है, और इस तरह के मामलो में तेजी से ट्रायल चलाने के लिए स्पेशल कोर्ट के गठन की जरूरत है।

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जस्टिस चेलेमश्वर ने अटॉनी जनरल ने कहा कि पिछले कुछ दशकों से ये साफ है कि मौजूदा सिस्टम में बहुत खामियां है और महज आय का खुलासा ही काफी नहीं है, ये जानना जरूर है कि किसी शख्स ने आखिर इतनी रकम कैसे कमाई।

जस्टिस चेलमेश्वर ने ये भी कहा लोग ट्रायल में हो रही देरी को लेकर अदालत पर आरोप लगाते है, लेकिन सिर्फ नए कानून बनने से कुछ नही होगा। जीडीपी का दो फीसदी से कम ज्यूडिसरी और इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होता है, लेकिन इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के आलावा कोई स्पेशल ट्रिब्यूनल नहीं बनाए गए। संसद क्यों नहीं कानून बनाकर स्पेशल कोर्ट बनाती।

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कोर्ट की ये राय थी कि राज्य सरकारों को निर्देश देने के बजाए केंद्र सरकार को खुद कानून बनाकर स्पेशल कोर्ट बनाने चाहिये जो जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आय से अधिक सम्पति मामलों की सुनवाई कर सके।

अटॉनी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सीबीडीटी सभी मामलों की गम्भीरता से जांच कर रही है, और मौजूदा व्यवस्था अपना बेहतर काम कर रही है। 

वेणुगोपाल ने कहा कि आय के हर सोर्स का खुलासा हो, ये संभव नहीं है, बहुत से ऐसे व्यापारी है, जो राजनीतिक दल पार्टियों को दिए गए चंदे का खुलासा नहीं करना चाहते, जब तक कि केवल चेक के जरिये दान देने का नियम न हो।

याचिकाकर्ता लोक प्रहरी ने आयकर विभाग को 26 लोकसभा सांसदों, 11 राज्यसभा सांसदों और 257 विधायकों की सूची भेजी थी और उनकी संपत्ति की जांच करने का अनुरोध किया था।

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याचिकाकर्ता का आरोप था कि इन लोगों द्वारा चुनाव के समय दाखिल किये गये हलफनामे में दी गई संपत्ति पिछले चुनाव के समय दिये गये हलफनामें की संपत्ति से 500 गुना से ज्यादा बढ़ गई है।

इसके बाद सोमवार को दाखिल किए गए हलफनामे में सीबीडीटी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि देशभर में सात लोकसभा सांसदों और 98 विधायकों की संपत्तियों में बहुत तेजी से इजाफा हुआ है और उनमे अनियमितताएं पाई गई हैं। सीबीडीटी ने कहा था कि वह मामले की आगे जांच करेगा।

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HIGHLIGHTS

  • आय से अधिक मामलों पर बनाये स्पेशल कोर्ट
  • राज्य सरकारों को निर्देश देने के बजाए केंद्र सरकार खुद बनाये कानून

Source : News Nation Bureau

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