उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पुलिस भर्ती के लिए रोडमैप पेश किया। जिसे स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि 3 हजार सब इंस्पेक्टर और 30 हजार कॉन्सटेबल की भर्ती की जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर साल भर्ती शुरू होने से लेकर परिणाम आने तक पुलिस भर्ती बोर्ड का चेयरमैन नहीं बदला जाएगा।
कोर्ट ने योगी सरकार से कहा कि अगर कोर्ट को दी गई टाइम लाइन का पालन नहीं हुआ तो अधिकारी निजी तौर पर ज़िम्मेदार होंगे।
क्या है योगी सरकार का रोडमैप
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक चार सालों में ( साल 2018-21 के बीच) हर साल 3200 सब इंस्पेक्टर नियुक्त करेगी। इसके अलावा रोडमैप के मुताबिक यूपी सरकार चार सालों में (2018 से 2021 के बीच) हर साल 30 हजार कॉन्स्टेबल्स नियुक्ति की जाएगी।
और पढ़ें: कानून व्यवस्था को लेकर सख्त हुई योगी सरकार, जल्द ही खोले जाएंगे 21 नए थाने
यूपी सरकार के मुताबिक अभी 34716 कॉन्स्टेबल्स की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है, मामला हाई कोर्ट में लंबित है।
आपको बता दें की सुप्रीम कोर्ट ने पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में पिछले दिनों 6 राज्यों (यूपी, बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडू और पश्चिम बंगाल) को तलब किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्य बताए की वह खाली सीटों को कैसे भरेगी।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा था कि यह मामला 2013 से लंबित है लेकिन इन राज्यों में कुछ नहीं हुआ। नोटिस भेजने के बावजूद कोई कदम नहीं उठाया गया।
और पढ़ें: मोदी-महबूबा ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए अटल नीति को बताया एकमात्र रास्ता
HIGHLIGHTS
- योगी आदित्यनाथ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पुलिस भर्ती के लिए रोडमैप पेश किया
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हजार सब इंस्पेक्टर और 30 हजार कॉन्सटेबल की भर्ती की जाए
- पिछली सुनवाई में छह राज्यों को SC ने आदेश देते हुए कहा था कि वह पुलिस भर्ती के लिए रोडमैप पेश करे
Source : News Nation Bureau