सुप्रीम कोर्ट ने असम में एनआरसी के लिये दावे और आपत्तियां स्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू करने की तारीख को अगले आदेश तक टाल दिया है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने एनआरसी कोर्डिनेटर प्रतीक हजेला की रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह आदेश दिया। पीठ ने अटार्नी जनरल के के वेणुगोपल और दूसरे पक्षकारों से कहा कि वे इस रिपोर्ट पर दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करें। इस मामले की सुनवाई को 19 सितंबर तक स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले, 28 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के अंतिम मसौदे से बाहर रह गए 40 लाख लोगों को एक और मौका देने के फायदे और नुकसान समेत इसकी जटिलताओं पर रिपोर्ट देने को कहा था। अदालत ने हजेला को एनआरसी मसौदे से बाहर रह गए लोगों के दावे और आपत्तियों के आधार पर सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक समय को स्पष्ट रूप से बताने का निर्देश दिया।
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पूर्ण एनआरसी मसौदे को 30 जुलाई को प्रकाशित किया गया जिसमें 2,89,677 लोगों के नाम हैं और 40,70,707 लोगों को मसौदे में शामिल होने के लिए अयोग्य ठहराते हुए इससे वंचित कर दिया गया है। 40,70,707 नामों में से 37,59,630 के दावों को अस्वीकार कर दिया गया है, जबकि 2,48,077 दावे लंबित हैं।
Source : News Nation Bureau