हिंदुत्व शब्द को दोबारा परिभाषित करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट साफ कर दिया है कि वो हिंदुत्व शब्द की दोबारा परिभाषित नही करेगी। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान बेंच ने कहा कि 1995 में दिया गया फैसला चुनाव के संदर्भ में नहीं था।

सुप्रीम कोर्ट साफ कर दिया है कि वो हिंदुत्व शब्द की दोबारा परिभाषित नही करेगी। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान बेंच ने कहा कि 1995 में दिया गया फैसला चुनाव के संदर्भ में नहीं था।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
हिंदुत्व शब्द को दोबारा परिभाषित करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

सुप्रीम कोर्ट साफ कर दिया है कि वो हिंदुत्व शब्द की दोबारा परिभाषित नही करेगी। सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संविधान बेंच ने कहा कि 1995 में दिया गया फैसला चुनाव के संदर्भ में नहीं था।

Advertisment

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'सात जजों की बेंच जिस मसले पर चर्चा के लिये गछित की गई है, उसमें उसमें हिंदुत्व पर व्याख्या करना शामिल नहीं था।'

1995 में दिए एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हिंदुत्व एक जीवन शैली यानि जीने का तरीका हैं, कोई धर्म नही।

सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस फैसले की फिर से समीक्षा करने की मांग की थी। तीस्ता ने मांग की थी कि पांच राज्यों के चुनाव सामने हैं। ऐसे में चुनावों में इस शब्द के इस्तेमाल पर रोक लगनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने साफ़ किया कि वो हिंदुत्व शब्द की व्याख्या के बड़े मुद्दे पर पर विचार नही कर रही हैं, संविधान बेंच केवल इसकी समीक्षा कर रही हैं कि राजनेताओं और धार्मिक नेताओं के गठजोड़ की जनप्रतिनिधत्व कानून के तहत वैध हैं या नहीं।

Source : News Nation Bureau

Hindutva Supreme Court
Advertisment