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क्या 'चाय पर चर्चा' से न्यायपालिका का तूफान थम गया?

सुबह करीब साढ़े दस बजे सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी थी। कोर्ट नंबर 1(चीफ जस्टिस की कोर्ट) और बाकी चार जजों की कोर्ट रूम के बाहर पत्रकारों और वकीलों का जमावड़ा था।

Updated on: 15 Jan 2018, 04:12 PM

नई दिल्ली:

सुबह करीब साढ़े दस बजे सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी थी। कोर्ट नंबर 1(चीफ जस्टिस की कोर्ट) और बाकी चार जजों की कोर्ट रूम के बाहर पत्रकारों और वकीलों का जमावड़ा था।

ऐसा इसलिए कि चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस और उसमे चीफ जस्टिस की कार्यशैली पर उठे तमाम सवालों के बाद सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर खुल रहा था। सब ये जानना चाहते थे कि क्या कोर्ट आज सुचारू रूप से काम करेगा।

सामान्य तौर पर साढ़े 10 बजे कोर्ट में सुनवाई शुरू हो जाती है लेकिन दस बजकर 40 मिनट तक हो गए। सीजेआई समेत तमाम बेंच नहीं बैठी। ऐसे में आशकाएं और गहरा गई। खैर, ठीक 10.40 पर जस्टिस चेलेमश्वर की बेंच कोर्ट नंबर 2 में बैठी और उसके बाद चीफ जस्टिस की बेंच समेत तमाम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई।

हालांकि परम्परा के मुताबिक हर सुबह कोर्ट शुरू होने से पहले चाय पर सभी जज मिलते है। ऐसे में कयास ये लगे कि मतभेद सुलझाने के चलते ये मुलाकात आज 10 मिनट और लंबी खिंच गई और दिलचस्प ये रहा कि पर्सनल स्टॉफ को इस दौरान कॉन्फ्रेंस हॉल से बाहर रखा गया

जब चीफ जस्टिस ने कोर्ट रूम में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन अब मसले के उठने की बारी चीफ जस्टिस के कोर्ट में थी। एक वकील आरपी लुथरा ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की कोर्ट में  चार जजों की प्रेस कॉन्फ्रेंस का मसला उठाया। लुथरा ने कहा कि 'कुछ राष्ट्र विरोधी ताकते' संस्थान की गरीमा को खत्म कर रही है, और चीफ जस्टिस को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले जजों के खिलाफ एक्शन लेना चाहिये। उन पर अवमानना का मामला चलाना चाहिए।

चीफ जस्टिस ने वकील लुथरा की पूरी बात को सुना और  प्रतिक्रिया में सिर्फ मुस्करा दिये। चीफ जस्टिस ने कोई टिप्पणी नहीं की। अटॉनी जनरल ने कहा-मामला सुलझा
इसके बाद कोर्ट रूम के बाहर पत्रकारों को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि जजों के बीच विवाद सुलझ गया है। सुप्रीम कोर्ट में कामकाज सुचारू रूप से चल रहा है।

उन्होंने कहा कि जैसी की परंपरा है कि जज कोर्ट से पहले चाय पर मिलते हैं। आज भी कोर्ट में उपस्थित सभी जज आपस मे मिले और बातें की बीसीआई की प्रतिकिया अटॉनी जनरल ने जो कहा ,वही बात इस मसले को सुलझाने की कोशिश कर रहे बीसीसीआई के चेयरपर्सन मनन मिश्रा ने भी कही।

मनन मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि मतभेद सुलझ गये है। बीसीआई के प्रतिनिधिमंडल ने मतभेद सुलझाने के लिए SC के 15 जजों से मुलाकात की। राजनीतिक दल इस विवाद का सियासी लाभ उठाना चाहते थे लेकिन SC जजों को धन्यवाद कि, उन्होंने उनकी कोशिशों को नाकामयाब कर दिया।

अदालत में भले ही नियमित कार्रवाही होने लगी हो, देश के सबसे बड़े कानून अधिकारी अटॉनी जेनरलभले ही इस बात का दावा करते हों कि जजों के बीच के मतभेद सुलझ गए हों लेकिन फिलहाल इस नतीजे पर पहुंचना कि सब कुछ ठीक हो गया है, थोड़ी जल्दबाजी होगी क्योंकि न्यायपालिका का ये तूफान जिस तीव्रता से उठा था उसके इतना जल्दी थमने की उम्मीद कम है।