logo-image

आधार को लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई का दूसरा दिन, संवैधानिक वैधता पर उठे हैं सवाल

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने के मामले की सुनवाई कर रही है। 17 जनवरी को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी।

Updated on: 18 Jan 2018, 09:13 AM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने पर सुनवाई जारी रहेगी
  • CJI दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने के मामले की सुनवाई कर रही है

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में आज दूसरे दिन भी आधार कार्ड को अनिवार्य किए जाने पर सुनवाई जारी रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में पांच जजों की संवैधानिक पीठ आधार कार्ड को अनिवार्य बनाए जाने के मामले की सुनवाई कर रही है। 17 जनवरी को इस मामले की पहली सुनवाई हुई थी।

बेंच एक साथ उन सभी याचिकाओं की सुनवाई कर रही है, जिसमें इस कार्ड की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। इससे पहले बुधवार को हुई पहली सुनवाई में वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा था कि आधार कार्ड की वजह से देश में नागरिकों के मूल अधिकारों का खात्मा हो सकता है।

और पढ़ें: आधार डेटा लीक के बाद UIDAI ने बनाया नया सुरक्षा कवच, अब देनी होगी 'वर्चुअल आईडी'

आधार के खिलाफ पड़ी याचिकाओं की तरफ से पेश हुए दीवान ने पीठ को बताया कि लोगों के लिए बने संविधान को राज्य के संविधान में बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आधार कार्ड के लिए लोगों के बायोमीट्रिक डेटा को लेना सही नहीं है।

आधार कार्ड की शुरुआत के साथ ही इसके डेटा की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में आधार के साथ मोबाइल नंबर और बैंक खातों को जोड़े जाने के खिलाफ भी याचिका पड़ चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राहत देते हुए इसकी तारीख को बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया है।

इससे पहले मोबाइल और बैंक खातों से आधार को जोड़े जाने की तारीख 31 दिसंबर 2017 थी।

गौरतलब है कि आधार डेटा की सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवालों के बीच हाल ही में यूनिक आइडेंटकिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने फेस ऑथेंटिकेशन की प्रक्रिया शुरू की है।

और पढ़ें: डेटा लीक को रोकने के लिए आधार के नए सुरक्षा कवच को चिदंबरम ने बताया बेकार