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Pegasus ( Photo Credit : सांकेतिक तस्वीर)
पेगासस स्पाइवेयर मामले (Pegasus Case) मामले में एक बड़ा अपडेट आया है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से मामले की जांच के लिए बनाई गई टेक्निकल कमेटी ने ऐसे लोगों से जानकारी मांगी है, जिनको यह संदेह है कि उनके फोन टारगेट किया गया था. कमेटी न एक पब्लिक नोटिस जारी कर ऐसे लोगों से सात जनवरी तक अपना पक्ष रखने को कहा है. इसके साथ ही कमेटी ने फोन की जांच करने का भी संकेत दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के माध्यम से भारत में 142 से ज्यादा लोगों को निशाना बनाया गया था.
प्रशांत किशोर समेत 40 जर्नलिस्ट शामिल
रिपोर्ट में कहा गया था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब ने कुछ फोन की फोरेंसिक जांच में सुरक्षा संबंधयी सेंधमारी की पुष्टि की थी. जासूसी वाले लोगों की सूची में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, सर्वोच्च न्यायालय के दो रजिस्ट्रार और प्रशांत किशोर समेत 40 जर्नलिस्ट शामिल हैं. पेगासस वाले एनएसओ ग्रुप ने जानकारी देते हुए कहा था कि वह बस सरकारों और सरकारी एजेंसियों के साथ बिजनेस करता है. आपको बता दें कि यह मामला संसद में काफी गूंजा था. कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने पेगासस मामले को लेकर सरकार को घेरा था.
Source : News Nation Bureau
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