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तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शनों पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक (फाइल फोटो-PTI)
मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए होने वाले नेशनल एलिजबिलिटी एंड एंट्रेस टेस्ट (NEET) की उम्मीदवार ए. अनीता की आत्महत्या के मामले में दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में होने वाले विरोध-प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है।
जी एस मणि की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और प्रिंसपल सेक्रेटरी को 15 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया है।
याचिका जी एस मणि नाम के वकील ने दाखिल की थी। याचिका में अनीता की आत्महत्या के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शन की वजह से राज्य के लोगों को हो रही परेशानी को रोकने और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने की मांग की गई थी।
इसके बाद कोर्ट ने प्रदर्शन में शामिल होने वाले राजनीतिक दलों पर उपयुक्त कानून के तहत मुकदमा दर्ज करने के लिए कहा। कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया है कि कानून, व्यवस्था में किसी भी तरह की समस्या खड़ी ना हो। वहीं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर कोर्ट ने कुछ भी नहीं कहा है।
Supreme Court said those involved any kind of agitation or stall normal life, appropriate action would be taken against them #NEET#Anitha
— ANI (@ANI) September 8, 2017
बता दें कि तमिलनाडु में नीट लागू होने के खिलाफ कोर्ट में लड़ने वाली सत्रह वर्षीय मेडिकल उम्मीदवार एस अनीता ने 1 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी।
एक मजदूर की बेटी अनिता, अनुसूचित जाति से थी। पढ़ने में बेहद होशियार छात्र ने 12 वीं कक्षा में 1200 अंकों में से 1,176 अंक हासिल किये थे। साथ ही मेडिकल की परीक्षा में उसके 196.75 मार्क्स थे। लेकिन वह नीट की परीक्षा में 86 अंक ही हासिल कर पाई थी, जिसकी वजह से मेडिकल में उसका दाखिला नहीं हो पाया था।
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HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट का आदेश अनीता आत्महत्या के विरोध प्रदर्शनों पर सख्ती से निपटें तमिलनाडु सरकार
- तमिलनाडु सरकार के चीफ सेकेट्री , प्रिंसिपल सेकेट्री को 15 सितंबर को पेश होने का नोटिस जारी
Source : News Nation Bureau