पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा, ' हम ईको फ्रेंडली पटाखे बनवाने की तैयारी में है'

पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वो 1 साल में ईको फ्रेंडली पटाखे बनवाने की तैयारी में है।

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Vineeta Mandal
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पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा, ' हम ईको फ्रेंडली पटाखे बनवाने की तैयारी में है'

पटाखों पर पाबंदी का मामला (सांकेतिक चित्र)

पटाखों पर लगे प्रतिबंध को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि वो 1 साल में ईको फ्रेंडली पटाखे बनवाने की तैयारी में है। इस बात पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि पहले ये बताइए कि इस साल दीवाली को लेकर आप क्या सोचते है। केंद्र सरकार ने पटाखों पर पूरी तरह रोक नहीं लगाए जाने की गुहार लगाई जाए और केंद्र ने कोर्ट से इस मामले में संतुलन बनाए रखने के लिए कहा है।

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इस पर कोर्ट ने उनसे से पूछा, 'संतुलन बनाने सरकार का क्या आशय है इसे लेकर लिखित में जवाब दाखिल करें।'

अब इस मामले को लेकर अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।

बीते 8 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, 'देश भर में पटाखों की बिक्री पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दीपावली रोशनी का त्योहार है। लोगों को साथ लाने के लिए पटाखों की जरूरत नहीं है। मिठाई और मिठास के द्वारा भी लोगों को साथ जोड़ा जा सकता है।'

बता दें कि इससे पहले 1 अगस्त को पटाखों को प्रतिबंध करने को लेकर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह इस बात पर विचार करेगा कि क्या पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया कि दीपावली के दौरान वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है।

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि त्योहारों के दौरान प्रदूषण के असामान्य रूप से उच्च स्तर तक पहुंच जाने की वजह से शहर में तकरीबन 20-25 फीसदी बच्चे श्वास से संबंधित समस्याओं से पीड़ित रहते हैं।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल अपने परिजनों के माध्यम से तीन नाबालिगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सीमित समय के लिए दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगा दिया था। दिवाली पर इस प्रतिबंध में ढील देने से भी कोर्ट ने इनकार कर दिया था।

Source : News Nation Bureau

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