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पालघर मॉब लिंचिंग : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से मांगी चार्जशीट, सुनवाई दो हफ्ते के लिए टली

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर के साथ हुई सनसनीखेज मॉब लींचिंग मामले की जांच नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई को दो हफ्ते के टाल दिया है.

Updated on: 24 Feb 2021, 03:11 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र के पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर के साथ हुई सनसनीखेज मॉब लींचिंग मामले में सुनवाई को दो हफ्ते के टाल दिया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार से फिर से चार्जशीट दाखिल मांगी है. कोर्ट ने दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल करने को कहा है. मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) से करवाए जाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट याचिका दायर की गई है. बता दें कि पालघर में हुई साधुओं की निर्मम हत्या के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.

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उल्लेखनीय है कि पालघर के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को जून अखाड़ा के दो साधुओं और उनके वाहन चालक की भीड़ ने बच्चा चोर होने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. भीड़ में करीब एक हजार लोग शामिल थे. सरकार ने पालघर जिला पुलिस प्रमुख गौरव सिंह को भी अवकाश पर भेज दिया था. साधुओं के घरवालों की ओर से मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की जा रही है. हालांकि महाराष्ट्र सरकार मामले में सीबीआई जांच के पक्ष में नहीं है. सरकार की ओर से पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया गया था कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों को दंडित या निलंबित कर दिया गया है. लिहाजा ऐसे में सीबीआई जांच की जरूरत नहीं है.

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उधर, इससे पहले 16 जनवरी को ठाणे की विशेष अदालत ने  पालघर में दो साधुओं और उनके ड्राइवर के पीट-पीट कर हत्या करने के मामले में 89 आरोपियों को जमानत दी थी. विशेष लोक अभियोजक सतीश मानशिंदे और बचाव पक्ष के वकील, अमृत अधिकारी और अतुल पाटिल की दलीलों को सुनने के बाद, विशेष न्यायाधीश एस बी बहलकर ने 89 अभियुक्तों को 15-15 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. राज्य सीआईडी ने अब तक मामले में 251 वयस्कों और 16 किशोरों को दंगा, हत्या और हत्या के प्रयास आदि आरोपों में गिरफ्तार किया है.