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सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर सरकार से पूछे सवाल, पूछा- 31 दिसंबर के बाद नोट जमा कराने का कानूनी विकल्प क्यों नहीं दिया

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि उसने लोगों को नोटबंदी के बाद अमान्य हुए पुराने नोट 31 दिसंबर के बाद जमा करने का कानूनी विकल्प प्रदान क्यों नहीं किया।

Updated on: 21 Mar 2017, 10:03 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि उसने लोगों को नोटबंदी के बाद अमान्य हुए पुराने नोट 31 दिसंबर के बाद जमा करने का कानूनी विकल्प प्रदान क्यों नहीं किया।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जगदीश सिंह केहर, न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने सरकार से पूछा कि जो लोग 31 दिसंबर तक अपने पुराने नोट जमा नहीं करा पाए, उनके लिए ऐसी व्यवस्था का प्रावधान क्यों नहीं किया गया।

सर्वोच्च अदालत ने सरकार को इस संबंध में शपथपत्र दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। अदालत ने सवाल किया, "आपने (कानून के तहत) एक और खिड़की खोलने का विकल्प क्यों नहीं दिया। आपके पास 20 कारण हो सकते हैं।"

अदालत ने यह सवाल तब पूछा जब  एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा संसद ने सरकार को विकल्प दिया था, लेकिन सरकार ने उसे नहीं अपनाने का फैसला किया क्योंकि उसे ऐसा करना उचित नहीं लगा।

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