पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में मुकदमे का सामना करना होगा।
सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन की मद्रास उच्च न्यायालय के एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में उन पर अवैध टेलीफोन एक्सचेंज मामले में मुकदमा चलाए जाने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ मारन की याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति आर. भानुमति व न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की पीठ ने कहा, 'आरोप यह है कि आप इस सब का (टेलीफोन एक्सचेंज) अपने भाई के व्यापार के लिए इस्तेमाल कर रहे थे।'
मारन व तीन अन्य बीएसएनएल अधिकारियों की उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ याचिका को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, 'हम उच्च न्यायालय के आदेश में दखल देने को तैयार नहीं हैं। चूंकि हमारी राय को रिकॉर्ड किए जाने से सुनवाई प्रभावित हो सकती है, इसलिए हम ऐसा करने से बचते हैं।'
सर्वोच्च न्यायालय ने निचली अदालत को मारन के खिलाफ आरोप तय करने का निर्देश देते हुए कहा है कि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
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Source : IANS