ताजमहल संरक्षण मामला : SC ने योगी सरकार को लगाई फटकार, कहा-जब संख्या गलत है तो विज़न डॉक्यूमेंट कैसा होगा
ताजमहल संरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से विशेषज्ञ कमिटी को सुझाव देने का आदेश दिया है।
नई दिल्ली:
ताजमहल संरक्षण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट (supreme court) में आज यानी मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से विशेषज्ञ कमिटी को सुझाव देने का आदेश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कमिटी से ताजमहल के पास स्थित उद्योग, हरित क्षेत्र, यमुना के प्रदूषण समेत सभी पहलुओं पर गौर कर रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान दिल्ली स्कूल ऑफ प्लानिंग की प्रोफेसर मीनाक्षी दोहते के नेतृत्व वाली एक्सपर्ट कमिटी ने कोर्ट को बताया कि ताज क्षेत्र में जितने उद्योग की जानकारी यूपी सरकार ने दी है, संख्या उससे अलग है।
जिसपर कोर्ट ने नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा, 'जब संख्या गलत है तो सरकार का विज़न डॉक्यूमेंट कैसा होगा, ये समझा जा सकता है।'
और पढ़ें : ताजमहल की उपेक्षा पर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को SC ने लगाई फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की सूची के मुताबिक 1996 में इलाके में 511 इंडस्ट्री थीं. अब ये 1167 हैं। इनमें से कितनी चल रही हैं, ये सरकार को पता ही नहीं है।
बता दें कि जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की अध्यक्षता वाली पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 25 सितंबर को करेगा।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल संरक्षण (taj mahal) को लेकर कड़ी नाराजगी जताते हुए केंद्र और यूपी सरकार को आदेश दिया था कि वो कोर्ट को बताए कि आख़िरकार ताज के संरक्षण के लिए केन्द्र, राज्य सरकार, पुरातत्व विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित किस विभाग में कौन अधिकारी जिम्मेदार है?
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