सुप्रीम कोर्ट चुनाव आयुक्तों (ईसी) और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी व्यवस्था की मांग करने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को फैसला सुनाएगा।
जस्टिस के.एम. जोसेफ और जस्टिस अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सी.टी. रविकुमार की पीठ ने 24 नवंबर, 2022 को इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया था। वाद सूची के अनुसार, इस मामले में गुरुवार सुबह 10.30 बजे जस्टिस जोसेफ और रस्तोगी द्वारा दो-दो फैसले सुनाए जाएंगे।
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अगर चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में सरकार द्वारा उठाए गए हर कदम पर संदेह करना शुरू कर दिया, तो इसका प्रभाव संस्था की अखंडता और स्वतंत्रता पर पड़ेगा।
न्यायमूर्ति जोसेफ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने तब चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के संबंध में देश के शीर्ष कानून अधिकारी पर सवालों की झड़ी लगा दी थी। इसने गोयल की नियुक्ति के संबंध में एजी से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे थे : 24 घंटे के भीतर उनके नाम को अंतिम रूप देने के लिए क्या विचार-विमर्श किया जा सकता था, उसी दिन मंजूरी, उसी दिन प्रक्रिया पूरी हो गई, और 24 घंटे के अंदर नियुक्ति कर दी गई।
हालांकि, केंद्र ने कहा था कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के लिए कोई ट्रिगर बिंदु नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने विस्तृत दलीलें सुनने के बाद चुनाव आयोग और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम जैसी प्रणाली की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह गोयल की हाल ही में चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्ति से संबंधित फाइलों को देखना चाहता है और इस बात पर जोर दिया कि वह यह देखना चाहता है कि किस तंत्र से उसे उठाया गया और वहां इसे (फाइलें) पेश करने में कोई खतरा नहीं है।
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Source : IANS