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ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा में बजट कटौती की आशंका को दूर किया

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनरेगा में बजट कटौती की आशंका को दूर किया

Updated on: 03 Feb 2023, 11:10 PM

नई दिल्ली:

ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि 2023-24 के लिए मनरेगा योजना के लिए कम आवंटन की चिंता ग्रामीण रोजगार योजना को प्रभावित कर सकती है, यह सच्चाई से बहुत दूर है।

2023-24 के केंद्रीय बजट में मनरेगा योजना के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिस पर चिता जताई गई है। जो 2022-23 के 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से 18 प्रतिशत कम है। यह मनरेगा की ग्रामीण रोजगार योजना को प्रभावित कर सकता है। इस पर मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि यह सच्चाई से बहुत दूर है।

मनरेगा एक मांग आधारित योजना है। रोजगार की मांग करने वाले किसी भी परिवार को योजना के अनुसार एक वित्तीय वर्ष में कम से कम 100 दिनों का अकुशल शारीरिक कार्य प्रदान किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान कुल 99.81 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को उनकी मांग के विरुद्ध मजदूरी रोजगार की पेशकश की गई है।

मंत्रालय ने कहा कि अगर योजना के तहत रोजगार के लिए आवेदन करने वाले आवेदक को रोजगार प्राप्ति के 15 दिनों के भीतर ऐसा रोजगार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो वह दैनिक बेरोजगारी भत्ता पाने का हकदार होगा।

मंत्रालय ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भी बजट अनुमान 73,000 करोड़ रुपये था, जिसे संशोधित कर 89,400 करोड़ रुपये कर दिया गया। उपरोक्त के अध्ययन से यह अनुमान लगाया जाता है कि पिछली रिलीज का अगले वर्ष के लिए धन की आवश्यकता पर कोई प्रभाव नहीं है।

जब भी अतिरिक्त धन की आवश्यकता होती है, वित्त मंत्रालय से धन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाता है। केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के लिए लागू अधिनियम के प्रावधानों और दिशानिदेशरें के अनुसार योजना के उचित कार्यान्वयन के लिए भारत सरकार मजदूरी और सामग्री भुगतान के लिए धन जारी करने के लिए प्रतिबद्ध है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.