एलोपैथी पर बयान को लेकर बाबा रामदेव को समन, दिल्ली HC ने दी नसीहत
एलोपैथी के खिलाफ बयानों को लेकर बाबा रामदेव मुश्किलों में फंस गए हैं. इस बयान को लेकर अब दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को समन जारी किया है.
highlights
- दिल्ली हाईकोर्ट ने जारी किया बाबा रामदेव को समन
- दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने लगाई है याचिका
- हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को बयान पर नसीहत भी दी
नई दिल्ली:
एलोपैथी के खिलाफ बयानों को लेकर बाबा रामदेव मुश्किलों में फंस गए हैं. इस बयान को लेकर अब दिल्ली हाईकोर्ट ( Delhi High Court ) ने बाबा रामदेव को समन जारी किया है. कोरोना के इलाज में कोरोनिल के कारगर होने दावे और एलोपैथी को लेकर बाबा रामदेव की आलोचनात्मक बयान को लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ( Delhi Medical Association ) ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई. जिस पर की याचिका। दिल्ली HC ने बाबा रामदेव को समन भेजकर जवाब मांगा है. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव ( Baba Ramdev ) को इस बयान को लेकर नसीहत भी दी है.
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दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव को नसीहत देते हुए कहा है कि आप कोरोनिल का प्रचार करें, लेकिन एलोपैथी को लेकर इस तरह के बयान देने से बचें. हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से योग गुरु रामदेव के वकील से यह भी कहा है कि वह सुनवाई की अगली तारीख यानी 13 जुलाई तक उन्हें कोई भड़काऊ बयान न देने को कहें. बता दें कि पिछले हफ्ते सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें बाबा रामदेव को कथित तौर पर एलोपैथी के खिलाफ बोलते हुए सुना जा सकता है.
इससे पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन रामदेव बाबा को कानूनी नोटिस थमा चुके हैं. अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ ने भी रामदेव को कानूनी नोटिस दिया और एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति पर की गई टिप्पणी का विरोध जताया. बाबा रामदेव के खिलाफ देश के अलग अलग हिस्सों में एफआईआर भी दर्ज कराई गई हैं. दो दिन पहले ही नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने बाबा रामदेव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी.
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इसके अलावा एक जून को देशभर में रेजिडेंट डॉक्टरों ने अस्पतालों में बाबा रामदेव के बयान के विरोध में कालीपट्टी बांधकर प्रदर्शन किया और काला दिवस मनाया था. हालांकि आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन के हस्तक्षेप के बाद बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर दिया बयान वापस ले लिया था. एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को बेकार और तमाशा बताए जाने पर चिकित्सक संगठनों ने गहरी नाराजगी जाहिर की थी, जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने उनसे बयान वापस लेने का आग्रह किया था. स्वास्थ्य मंत्री ने बाबा रामदेव की सफाई को भी स्वीकार नहीं किया था. आखिरकार फिर बाबा रामदेव ने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बयान वापस लेने की बात कही थी.
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