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गर्मी ने तोड़ा 121 सालों का रिकॉर्ड, ग्लोबल वार्मिंग ने किया मार्च का बुरा हाल

Weather Report Hottest March: मध्य भारत के आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र ने 1901 के बाद से दिन के तापमान के मामले में अपना दूसरा सबसे गर्म मार्च महीना इस साल दर्ज करवाया है.

Updated on: 02 Apr 2022, 10:27 AM

highlights

  •  बीते मार्च में हीटवेव की घटनाएं घटी थीं
  • जानकारों ने बढ़ती गर्मी को ग्लोबल वार्मिंग का इफेक्ट माना

नई दिल्ली:

Weather Report Hottest March: होली के पहले से ही इस बार गर्मी का पारा चढ़ने लगा था. लगभग पूरे मार्च में लू का कहर जारी रहा. मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि तापमान में बढ़ोतरी ने गर्मी का 121 सालों का रिकॉड तोड़ दिया है. मार्च में गर्मी के कहर ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मौसम विभाग के मुताबिक देश भर में अधिकतम तापमान सामान्य से 1.86 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहा. मार्च का यह रिकॉर्ड टूटने का आंकड़ा उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में बड़े अंतर से प्रेरित रहा. उत्तर पश्चिमी क्षेत्र ने उच्चतम औसत अधिकतम तापमान दर्ज किया. वहीं मध्य भारत के आंकड़े बताते हैं कि क्षेत्र ने 1901 के बाद से दिन के तापमान के मामले में अपना दूसरा सबसे गर्म मार्च महीना इस साल दर्ज करवाया है.

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इस साल इन क्षेत्रों में गर्मी का बढ़ना कम बारिश का होना भी माना जा रहा है. मौसम विशेषज्ञों ने हवा के पैटर्न में असामान्य बदलाव को जलवायु संकट से जुड़ा बताया है. बीते महिने में हीटवेव की भी घटनाएं घटी. एंटी-साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण पश्चिम की ओर से उत्तर और मध्य भारत में गर्मी का आगाज़ हुआ. भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र पुणे के वैज्ञानिक ओपी श्रीजीत ने इसे ग्लोबल वॉर्मिंग का प्रभाव बताया है. मार्च 2022 के दौरान भारत का औसत अधिकतम तापमान 33.10 डिग्री और न्यूनतम तापमान 20.24 डिग्री सेल्सियम दर्ज किया गया. साल 1981 से 2010 की अवधि के लिए औसत सामान्य तापमान 31.24 डिग्री सेल्सियस, 18.87 डिग्री सेल्सियस और 25.06 डिग्री सेल्सियस था.