सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रगान 'जन गण मन...' में बदलाव की मांग करते हुए कही ये बातें
जहां अभी तक शहरों और जगहों का नाम बदला जा रहा पथा, वहीं अब राष्ट्रगान के बदलने की भी मांग तेज हो गई है. सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रगान में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.
नई दिल्ली:
जहां अभी तक शहरों और जगहों का नाम बदला जा रहा पथा, वहीं अब राष्ट्रगान के बदलने की भी मांग तेज हो गई है. सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रगान में बदलाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने इस पत्र को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर भी किया है. स्वामी ने पत्र में लिखा, 'राष्ट्रगान 'जन गण मन...' को संविधान सभा में सदन का मत मानकर स्वीकार कर लिया गया था.'
My letter to PM Modi on Jana Gana Mana pic.twitter.com/qc1KnLDb2g
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 1, 2020
उन्होंने आगे लिखा है, 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा के आखिरी दिन अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद ने बिना वोटिंग के ही 'जन गण मन...' को राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार कर लिया था. हालांकि, उन्होंने माना था कि भविष्य में संसद इसके शब्दों में बदलाव कर सकती है. उस समय आम सहमति जरूरी थी क्योंकि कई सदस्यों का मानना था कि इस पर बहस होनी चाहिए, क्योंकि इसे 1912 में हुए कांग्रेस अधिवेशन में ब्रिटिश राजा के स्वागत में गाया गया था.
सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी से अपील की है कि वह संसद में प्रस्ताव लाएं कि जन गण मन की धुन से छेड़छाड़ किए बगैर इसके शब्दों में बदलाव किया जाए. दिया है कि इसमें सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए बदलाव को ही स्वीकार किया जा सकता है.
ये भी पढ़ें: भाकियू में दो फाड़, एक कृषि कानूनों के समर्थन में... दूसरा बॉर्डर पर डटा
बता दें कि'जन गण मन..' गीत को पहली बार 27 दिसंबर साल 1911 को गाया गया था. इस गीत को रवीन्द्रनाथ टैगोर ने बंगाली भाषा में लिखा था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने इस गीत को हिन्दी और उर्दू में कैप्टन आबिद अली ने अनुवाद करवाया था. जन-गण-मन बंगाली भाषा में लिखी गई है, जिसमें संस्कृत शब्द शामिल है. 27 दिसंबर, 1911 को कांग्रेस के कोलकाता अधिवेशन में इस गीत को पहली बार गाया गया. 24 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर इस गाने को राष्ट्रगान के तौर पर अपना लिया गया।
राष्ट्र-गान के बोल और धुन स्वयं रवीन्द्रनाथ टैगोर ने आन्ध्रप्रदेश के मदनापल्ली में तैयार की थी. बेसेन्ट थियोसोफिकल सोसायटी की प्रिंसिपल और कवि जेम्स एच. कजिन्स की पत्नी मारगैरेट ने राष्ट्रगान के अंग्रेजी अनुवाद के लिए म्यूजिकल नोटेशन्स तैयार किए थे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
April Panchak Date 2024: अप्रैल में कब से कब तक लगेगा पंचक, जानें क्या करें क्या ना करें
-
Ramadan 2024: क्यों नहीं निकलते हैं कुछ लोग रमज़ान के आखिरी 10 दिनों में मस्जिद से बाहर, जानें
-
Surya Grahan 2024: क्या भारत में दिखेगा सूर्य ग्रहण, जानें कब लगेगा अगला ग्रहण
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए