भारत के सबसे पहले 'प्रधानमंत्री' थे सुभाष चंद्र बोस, जानें आज़ाद हिंद सरकार का इतिहास

आजाद हिन्द सरकार या आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द एक भारतीय अस्थाई सरकार थी जिसे सिंगापुर में 1943 में स्थापित किया गया था. सुभाष चंद्र बोस भारत की पहली आज़ाद सरकार के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे.

author-image
nitu pandey
एडिट
New Update
भारत के सबसे पहले 'प्रधानमंत्री' थे सुभाष चंद्र बोस, जानें आज़ाद हिंद सरकार का इतिहास

21 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले के प्राचीर से तिरंगा फहराने वाले हैं. ऐसा पहली बार होने जा रहा है. 15 अगस्त के बाद अक्टूबर में फिर से लाल किले पर तिरंगा फहराने के पीछे मकसद आज़ाद हिंद सरकार की स्थापना दिवस मनाना है. इस बार मोदी सरकार भारत की पहली आज़ाद सरकार की 75वीं वर्षगांठ मनाएगी. इस सरकार को 'आज़ाद हिंद सरकार' कहा जाता है. ये सरकार 21 अक्टूबर 1943 को बनी थी. मौजूदा सरकार ने सुभाष चंद्र बोस द्वारा स्थापित आज़ाद हिंद सरकार को मान्यता दे दी है.

Advertisment

आजाद हिंद सरकार की स्थापना 21 अक्टूबर 1943 को हुई थी, लेकिन इससे पहले आज़ाद हिंद फौज को सबसे पहले राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने 29 अक्टूबर 1915 को अफगानिस्तान में बनायी थी. इसे बाद सुभाष चंद्र बोस को सौंप दिया गया था. जिसे फिर से सुभाष चंद्र बोस ने 21 अक्टूबर 1943 आजाद हिंद सरकार के नाम से स्थापित किया.

और पढ़ें : 72वां स्वतंत्रता दिवस: देश की आजादी में इन महिला स्वतंत्रता सेनानियों का भी था अहम योगदान, जानें 15 वीरांगनाओं के नाम

आजाद हिन्द सरकार या आर्ज़ी हुक़ूमत-ए-आज़ाद हिन्द एक भारतीय अस्थाई सरकार थी जिसे सिंगापुर में 1943 में स्थापित किया गया था. जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आज़ाद हिंद सरकार को मान्यता दी. जापान ने अंडमान व निकोबार द्वीप आजाद हिंद सरकार को दे दिये. सुभाष उन द्वीपों में गये और उनका नया नामकरण किया. अंडमान का नया नाम शहीद द्वीप और निकोबार का स्वराज्य द्वीप रखा गया. 

30 दिसंबर 1943 को ही अंडमान निकोबार में पहली बार सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगा फहराया था.ये तिरंगा आज़ाद हिंद सरकार का था. भारत की धरती पर यह आज़ादी की पहली निशानी थी. सुभाष चंद्र बोस भारत की पहली आज़ाद सरकार के प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री थे. आज़ाद हिंद सरकार को 9 देशों की सरकारों ने अपनी मान्यता दी थी. जिसमें जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया, और क्रोएशिया ने भी आज़ाद हिंद सरकार को अपनी मान्यता दे दी.

इसके बाद 4 फ़रवरी 1944 को आजाद हिन्द फौज ने अंग्रेजों पर दोबारा भयंकर आक्रमण किया और कोहिमा, पलेल आदि कुछ भारतीय प्रदेशों को अंग्रेजों से मुक्त करा लिया.
आज़ाद हिंद सरकार ने ये राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगा को चुना था, वहीं राष्ट्रगान विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्र नाथ टैगोर का जन-गण-मन भारत को ही बनाया था. इसके साथ ही एक दूसरे से अभिवादन के लिए जय हिंद का प्रयोग करने की रवायत शुरू की गई थी. 21 मार्च 1944 को 'चलो दिल्ली' के नारे के साथ आज़ाद हिंद सरकार का हिंदुस्तान की धरती पर आगमन हुआ.

और पढ़ें : आजादी से पहले जब बंट गया था बंगाल, राखी के धागे ने किया था एक, पढ़ें इतिहास

Source : News Nation Bureau

Subhash chandra bose red-fort 21October azad hind government PM Narendra Modi netaji subhash chandra bose
      
Advertisment