अध्ययन में खुलासा, प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कमी से जूझ रहा भारत

महामारी अवधि के दौरान किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत के स्वास्थ्य प्रणाली प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कम संख्या से जूझ रही है. इनमें नर्स, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और संबंधित स्वास्थ्यकर्मी शामिल है.

महामारी अवधि के दौरान किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत के स्वास्थ्य प्रणाली प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कम संख्या से जूझ रही है. इनमें नर्स, प्रशिक्षित पैरामेडिक्स और संबंधित स्वास्थ्यकर्मी शामिल है.

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Vijay Shankar
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Health Worker( Photo Credit : File Photo)

महामारी अवधि के दौरान किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि भारत के स्वास्थ्य प्रणाली प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों की कम संख्या से जूझ रही है. इनमें नर्स, प्रशिक्षित चिकित्सा सहायक और संबंधित स्वास्थ्यकर्मी शामिल है. अध्ययन के अनुसार, देश में नर्स-डॉक्टर अनुपात 1.7:1 है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, नर्स और डॉक्टरों का अनुपात 1.7:1 है जबकि डॉक्टर और संबधित स्वास्थ्य कर्मियों का अनुपात 1:1 है.  ये आंकलन उस समय और ज्यादा बिगड़ जाते हैं जब योग्यताओं पर विचार किया जाता है और उन्हें प्राथमिकता दी जाती है. अनुपात के बिगड़ने की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही है. 

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NSSO 2017–18 के अनुसार, पर्याप्त योग्यता के समायोजन के बाद डॉक्टर और नर्स का अनुपात 1:1.3 है. अधिकांश OECD देशों के साथ इसकी तुलना करने पर प्रति डॉक्टर पर तीन से चार नर्स उपलब्ध हैं. भारत में HLEG की सिफारिश के अनुसार, नर्स-डॉक्टर का अनुपात 3:1 होना चाहिए यानी तीन नर्सों पर एक डॉक्टर का होना जरूरी है. जबकि कुछ राज्यों में अधिक डॉक्टर हैं जबकि कुछ राज्यों में अधिक नर्स कार्यरत हैं. पंजाब की बात करें तो यहां नर्स और डॉक्टर का अनुपात 6.4:1 है यानी 6.4 नर्स पर एक डॉक्टर उपलब्ध है, जबकि दिल्ली में 4.5:1 है. जबकि बिहार, जम्मू और कश्मीर और मध्य प्रदेश में प्रति डॉक्टर एक से कम नर्स है. केरल में जहां नर्सों की संख्या है बहुत अधिक है वहां भी नर्स और डॉक्टर का अनुपात 1:1 से कम है. इसी तरह संबधित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भी बड़ी समस्या है. इसे लेकर भी कई राज्य जूझ रहे हैं.

वहीं कुछ राज्य जैसे दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, और छत्तीसगढ़ में नर्स-चिकित्सक का अनुपात अधिक है, लेकिन यहां प्रति 10,000 व्यक्तियों पर डॉक्टरों की संख्या कम है. 15वें वित्त आयोग के अनुसार, भारत में नर्स-जनसंख्या अनुपात 1: 670 (670 लोगों पर एक नर्स) है, जो WHO के मानदंड के विपरीत है.  

HIGHLIGHTS

  • नर्स, प्रशिक्षित चिकित्सा सहायक और डॉक्टरों की है कमी
  • नर्स और डॉक्टरों का अनुपात 1.7:1 है
  • डॉक्टर और संबधित स्वास्थ्य कर्मियों का अनुपात 1:1 है
Study Shortage डॉक्टर अध्ययन facing reveal trained health Workers नर्स प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी
      
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