भारत की तरफ से सही समय पर उठाए गए सख्त कदम ही कम मामलों की वजह- WHO

साउथ ईस्ट एशिया रिजन की रिजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि सही समय पर भारत के द्वारा लिए गए सख्त फैसलों की वजह से ही देश में कोरोना वायरस के कम मामले हैं.

साउथ ईस्ट एशिया रिजन की रिजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि सही समय पर भारत के द्वारा लिए गए सख्त फैसलों की वजह से ही देश में कोरोना वायरस के कम मामले हैं.

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Aditi Sharma
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कोरोना वायरस( Photo Credit : फाइल फोटो)

दुनियाभर में इस वक्त कोरोना से हाहाकार मचा हुआ है. WHO के आंकड़ों के मुताबिक 82 हजार नए मामलों के साथ संक्रमित मरीजों के संख्या 2,164,111 पहुंच गई है. हालांकि अगर भारत की बात की जाए तो बाकी देशों के मुकाबले यहां कोरोना संक्रमितों की संख्या काफी कम है. इसकी एक वजह भारत द्वारा कोरोना के खिलाफ तुरंत उठाए गए सख्त कदम भी है. इस बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार बोल चुके हैं और अब WHO का भी यही मानना है.

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साउथ ईस्ट एशिया रिजन की रिजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का कहना है कि सही समय पर भारत के द्वारा लिए गए सख्त फैसलों की वजह से ही देश में कोरोना वायरस के कम मामले हैं.

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एक न्यूज वेबसाइट से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को धीरे-धीरे उठाना ही अच्छा होगा और भी तब जब इन 6 मापदंडों को पूरा कर लिया जाएगा. इन 6 मापदंडों में ट्रांसमिशन पर काबू पाना , टेस्ट, आइसोलेट, मरीजों का इलाज जैसी चीजों के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था सही होना, संक्रमण का खतरा कम होमा, इसकी रोकथाम के लिए प्रयाप्त कदम उठाना जैसी चीजें शामिल हैं.

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WHO के मुताबिक कोरोना संक्रमण का स्रोत पता नहीं होने पर उसे सामुदायिक फैलाव माना जाताहै. हालांकि संक्रमण का चरण भले ही कुछ भी हो, कोरोना का संक्रमण काबू में करने के लिए कार्यवाही का तरीका एक जैसा ही रहता है. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचना, संदिग्ध या संक्रमितों को ढूंढना, उन्हें दूसरे लोगों से अलग-थलग करना, टेस्ट करना और फिर उनका उपचार करना. इसके साथ संक्रमित शख्स किस-किस व्यक्ति के संपर्क में आया उनकी खोज करना. इसके लिए अस्पतालों को जरूरी चिकित्सकीय सुविधाओं के साथ हमेशा तैयार रहना होगा. स्वास्थ्य कर्मियों के इसके लिए प्रशिक्षित करने समेत कोरोना संक्रमण से बचाव के प्रति जागरूक करना भी बेहद जरूरी है.

इसी के साथ डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह का ये भी कहना कि इस बाते के अभी तक कोई सबूत नहीं मिले हैं कि तापमान बढ़ने से कोरोना संक्र में कमी आ सकती है,

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