इस राज्य में तबलीगियों पर होगी कड़ी कार्रवाई, मुख्यमंत्री ने दिए संकेत
मुख्यमंत्री देब ने संक्रमण की संख्या में वृद्धि के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार बताते हुए इसे 'अनुचित व अक्षम्य कार्य' कहा. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार इस्लामिक संप्रदाय के सदस्यों को कानून का सामना करना पड़ेगा.
नई दिल्ली:
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा है कि अक्षम्य अपराध के लिए तबलीगियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा जैसे पूर्वोत्तर के अन्य मुख्यमंत्रियों की तरह ही देब ने भी ग्रीन जोन में लॉकडाउन के दौरान छूट देने की वकालत की थी. त्रिपुरा उन कुछ चुनिंदा राज्यों में एक है, जो खुद को कोरोना-मुक्त घोषित करने की स्थिति में हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री के लिए यह राहत की बात है.
मुख्यमंत्री देब ने संक्रमण की संख्या में वृद्धि के लिए तबलीगी जमात को जिम्मेदार बताते हुए इसे 'अनुचित व अक्षम्य कार्य' कहा. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस के प्रसार के लिए जिम्मेदार इस्लामिक संप्रदाय के सदस्यों को कानून का सामना करना पड़ेगा.
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मुख्यमंत्री देब के इंटरव्यू के प्रमुख अंश :
प्रश्न: त्रिपुरा पूरी तरह कोरोना-मुक्त होने वाले पहले कुछ राज्यों में से एक है, यह उपलब्धि कैसे हासिल की ?
उत्तर: त्रिपुरा के लोगों ने प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के आह्वान का उत्तर दिया है. हमने केंद्र द्वारा दिए गए सुझावों को लागू कर ईमानदारी से दिशा-निर्देशों का पालन किया है.
केंद्र सरकार की पहल से संकेत लेते हुए हमने हवाई अड्डे, रेलवे स्टेशन, अन्य राज्य और साथ ही बांग्लादेश के साथ लगती अंतर्राष्ट्रीय चौकियों के विभिन्न प्रवेश बिंदुओं पर थर्मल स्कैनर जांच शुरू की. यह कदम जनवरी के महीने की शुरुआत में उठाए गए. हमने शुरुआती निवारक उपाय करते हुए अन्य राज्यों से पहले ही पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा की. हमारी सरकार ने जनता कर्फ्यू के साथ ही 23 मार्च को इस बाबत आदेश दिए थे. हमने 29 जनवरी को हवाईअड्डों और एकीकृत चेक पोस्टों की स्क्रीनिंग शुरू की.त्रिपुरा 16 मार्च को सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना. इस अग्रिम कदम का लक्ष्य कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को रोकने के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग को सुनिश्चित करना था और योजना ने काफी हद तक काम किया."
प्रश्न: कोविड-19 का प्रकोप अन्य राज्यों में जारी है, ऐसे में वायरस का सफाया करने में कामयाब रहे आप अपने महाराष्ट्र और दिल्ली समकक्षों को क्या सलाह देना चाहेंगे?
उत्तर: प्रधानमंत्री की सलाह का ईमानदारी से पालन करें, यही मेरी ओर से एकमात्र राय है. संकट की इस घड़ी में वह भारत के लोगों को राहत देने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं. संकट से निपटने का प्रबंधन, इस बाबत निर्णय और उनकी भूमिका के लिए उन्हें दुनिया भर से प्रशंसा मिली है.
अधिकांश विकसित देशों के नेताओं ने हमारे प्रधानमंत्री की प्रशंसा की है. हमें इस पर गर्व करना चाहिए. मैं केवल यह कह सकता हूं कि संकट के इस समय में हमें अपने सभी मतभेदों को भुलाकर एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होकर वैश्विक महामारी कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए.
प्रश्न: पूर्वोत्तर में कोरोनावायरस संक्रमण के प्रसार में तबलीगी जमात की भूमिका कितनी गंभीर रही है?
उत्तर: किसी को भी कानून के खिलाफ जाने की अनुमति नहीं है. निश्चित रूप से तबलीगी जमात के कृत्य ने स्थिति और खराब की है. अन्यथा हम समय रहते बहुत कुछ हासिल कर सकते थे. प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत ने कोरोनावायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई में विश्व पटल पर एक महान छाप छोड़ी है.
उन्होंने आगे कहा, "जहां तक पूर्वोत्तर का संबंध है, तो क्षेत्र में कम पहुंच, कम आबादी और लॉकडाउन नियमों का सख्ती से पालन करने के कारण इस बीमारी के खिलाफ यहां बेहतर लड़ाई दिखाई दी. यह एक तथ्य है कि इन राज्यों में सामने आए कई मामले तबलीगी जमात प्रकरण और उनके संपर्कों से संबंधित थे. यह एक अनुचित कार्य है. कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी."
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प्रश्न: पिछली बार सभी मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन के विस्तार की बात कही, क्या त्रिपुरा में लॉकडाउन खत्म होगा ?
उत्तर: मैंने पहले ही कहा है कि हम प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कर रहे हैं.प्रधानमंत्री मोदी हमारे मार्गदर्शक हैं. हम पूरी कोशिश करते हैं कि हम उन आदेशों का पालन करें और उन्हें हमारी क्षमता के अनुसार लागू करें.
प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल मीडिया या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय संबोधन के दौरान हमारा मार्गदर्शन किया, बल्कि मेरी तरह भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक के मुख्यमंत्री से इनपुट लेकर सीधे-सीधे हमें व्यक्तिगत सलाह भी दी.वैसे भी हमने पहले ही गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित छूट दे दी है
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