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सुप्रीम कोर्ट ने किसान समूह से कहा, पूरे शहर का गला घोंट दिया, अब आप शहर के अंदर विरोध करना चाहते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने किसान समूह से कहा, पूरे शहर का गला घोंट दिया, अब आप शहर के अंदर विरोध करना चाहते हैं

Updated on: 01 Oct 2021, 12:35 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर सत्याग्रह करने की अनुमति मांगने पर किसान संगठन किसान महापंचायत की शुक्रवार को खिंचाई की। शीर्ष अदालत ने कहा कि राजमार्गो को अवरुद्ध करने और शहर का गला घोंटने के बाद, प्रदर्शनकारी अब विरोध करने के लिए अंदर आना चाहते हैं।

न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर ने कहा, आप अपना विरोध जारी रखने के साथ-साथ अदालत में नहीं आ सकते हैं।

पीठ ने संगठन का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा कि क्या वे भी न्यायिक प्रणाली का विरोध कर रहे हैं।

पीठ किसान महापंचायत की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें तीन कृषि कानूनों के विरोध में सत्याग्रह करने की अनुमति मांगी गई थी।

याचिका में संयुक्त किसान मोर्चा के किसानों को सत्याग्रह के आयोजन की अनुमति देने का निर्देश देने की मांग की गई थी।

किसान महापंचायत के वकील ने पीठ के समक्ष कहा कि उनके मुवक्किल दिल्ली पुलिस से अनुमति मांग रहे हैं।

पीठ ने उनसे कहा कि कानूनों को चुनौती देने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटाने के बाद विरोध जारी रखने का क्या मतलब है?

उन्होंने कहा, अगर आपको अदालतों पर भरोसा है, तो विरोध करने के बजाय तत्काल सुनवाई के लिए उसका अनुसरण करें।

पीठ ने वकील से यह भी कहा कि प्रदर्शनकारियों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन संपत्ति को नष्ट नहीं कर सकते।

पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि संगठन के अदालत का दरवाजा खटखटाने के बाद विरोध का कोई उद्देश्य नहीं है।

उन्होंने कहा, जब आप विरोध करना चाहते हैं तो अदालत जाने का कोई उद्देश्य नहीं है।

पीठ ने याचिका की प्रति एजी के कार्यालय को देने का आदेश दिया और मामले को आगे की सुनवाई के लिए 4 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.