logo-image

विज्ञापनों का खर्च रोकें और सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट स्थगित करें, सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा

सोनिया गांधी ने पत्र में लिखा, मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूँ. सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के केंद्रीय कैबिनेट के निर्णय का हम समर्थन करते हैं.

Updated on: 07 Apr 2020, 06:21 PM

नई दिल्ली:

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सांसदों के वेतन में कटौती के मोदी सरकार (Modi Sarkar) का फैसले का स्वागत करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखा है. पत्र में सोनिया गांधी ने लिखा- कल आपसे हुई टेलीफोन पर वार्ता में आपने कांग्रेस पार्टी के कोविड-19 (Covid-19) से लड़ने के सुझाव देने बारे आग्रह किया था. मैं इसी भावना से यह पत्र लिख रही हूँ. मैं इस चुनौतीपूर्ण समय में आपके अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हूँ. सांसदों का वेतन 30 प्रतिशत कम करने के केंद्रीय कैबिनेट (Modi Cabinet) के निर्णय का हम समर्थन करते हैं. कोविड-19 (Covid-19) की महामारी के खिलाफ लड़ने के लिए फंड एकत्रित करने में सादा व अतिसंयमित खर्च आज के समय की मांग है. इसी सकारात्मक भावना से मैं आपको पांच ठोस सुझाव देती हूँ. मुझे विश्वास है कि आप इन्हें लागू करेंगे.

यह भी पढ़ें : LOCKDOWN से ऐसे बाहर निकलेगा देश, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेंगे आखिरी फैसला

पहला, सरकार एवं सरकारी उपक्रमों द्वारा मीडिया विज्ञापनों- टेलीविज़न, प्रिंट एवं ऑनलाईन विज्ञापनों पर दो साल के लिए रोक लगा यह पैसा कोरोनावायरस (Coronavirus (Covid-19) से उत्पन्न हुए संकट से जूझने में लगाया जाए. केवल कोविड-19 बारे में एडवाईज़री या स्वास्थ्य से संबंधित विज्ञापन ही इस बंदिश से बाहर रखे जाएं. केंद्र सरकार मीडिया विज्ञापनों पर हर साल लगभग 1,250 करोड़ रुपये खर्च करती है. इसके अलावा सरकारी उपक्रमों एवं सरकारी कंपनियों द्वारा विज्ञापनों पर खर्च की जाने वाली सालाना राशि इससे भी अधिक है. सरकार के इस प्रयास से कोरोना वायरस (Corona Virus) द्वारा हुए अर्थव्यवस्था व समाज को होने वाले नुकसान की भरपाई में एक बड़ी राशि जुटाने में मदद मिलेगी.

दूसरा, 20,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाए जा रहे ‘सेंट्रल विस्टा’ ब्यूटीफिकेशन एवं कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट (Central Vista Beautification and construction Project) को स्थगित किया जाए. मौजूदा स्थिति में विलासिता पर किया जाने वाला यह खर्च व्यर्थ है. मुझे विश्वास है कि संसद मौजूदा भवन से ही अपना संपूर्ण कार्य कर सकती है. नई संसद व उसके नए कार्यालयों के निर्माण की आज की आपातकालीन स्थिति में जरूरत नहीं. ऐसे संकट के समय में इस खर्च को टाला जा सकता है. इससे बचाई गई राशि का उपयोग नए अस्पतालों व डायग्नोस्टिक सुविधाओं के निर्माण तथा अग्रिम कतार में रहकर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों को पर्सनल प्रोटेक्शन ईक्विपमेंट (‘पीपीई’) एवं बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए किया जाए.

यह भी पढ़ें : दिल्ली के हॉटस्पॉट इलाकों में होंगे Rapid Test, सीएम केजरीवाल ने बताया कोरोना से लड़ने का मेगा प्लान

तीसरा, भारत सरकार के खर्चे के बजट (वेतन, पेंशन एवं सेंट्रल सेक्टर की योजनाओं को छोड़कर) में भी इसी अनुपात में 30 प्रतिशत की कटौती की जानी चाहिए. यह 30 प्रतिशत राशि (लगभग 2.5 लाख करोड़ रु. प्रतिवर्ष) प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों, किसानों, एमएसएमई एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों को सुरक्षा चक्र प्रदान करने के लिए आवंटित की जाए.

चौथा, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राज्य के मंत्रियों तथा नौकरशाहों द्वारा की जाने वाली सभी विदेश यात्राओं को स्थगित किया जाए. केवल देशहित के लिए की जाने वाली आपातकालीन एवं अत्यधिक आवश्यक विदेश यात्राओं को ही प्रधानमंत्री द्वारा अनुमति दी जाए. विदेश यात्राओं पर खर्च की जाने वाली यह राशि (जो पिछले पाँच सालों में केवल प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय मंत्रियों की विदेश यात्रा के लिए 393 करोड़ रु. है) कोरोना वायरस से लड़ाई में सार्थक तौर से उपयोग की जा सकती है.

यह भी पढ़ें : Crude Oil News: उत्पादन में कटौती की उम्मीद से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी

पाँचवां, ‘पीएम केयर्स’ फंड की संपूर्ण राशि को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत फंड’ (‘पीएम-एनआरएफ’) में स्थानांतरित किया जाए. इससे इस राशि के आवंटन एवं खर्चे में एफिशियंसी, पारदर्शिता, जिम्मेदारी तथा ऑडिट सुनिश्चित हो पाएगा. जनता की सेवा के फंड के वितरण के लिए दो अलग-अलग मद बनाना मेहनत व संसाधनों की बर्बादी है. पीएम-एनआरएफ में लगभग 3800 करोड़ रु. की राशि (वित्तवर्ष 2019 के अंत तक) बिना उपयोग के पड़ी है. यह फंड तथा ‘पीएम-केयर्स’ की राशि को मिलाकर उपयोग में लाकर, समाज में हाशिए पर रहने वाले लोगों को तत्काल खाद्य सुरक्षा चक्र प्रदान किया जाए.

कोरोना के हमले से लड़ने में हर भारतीय ने व्यक्तिगत रूप से त्याग किया है. उन्होंने आपके कार्यालय तथा केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हर सुझाव, निर्देश एवं निर्णय का पालन किया है. अब विधायिका एवं सरकार द्वारा लोगों के विश्वास व भरोसे पर खरा उतरने का समय आ गया है.देश के समक्ष उत्पन्न हुई कोविड-19 की चुनौतियों से निपटने में हमारा संपूर्ण सहयोग आपके साथ है.