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file photo( Photo Credit : News Nation)
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल आगमी 24 जुलाई को खत्म हो रहा है. ऐसे में बीजेपी ने राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर उम्मीदवार को लेकर अटकलें तेज कर दी है. यही नहीं सूत्रों का दावा हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने इसको लेकर मंत्रियों की टीम भी तय कर दी है. अंदुरूनी सूत्रों के मुताबिक सरकार और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा शुरू हो चुकी है, साथ ही बीजेपी ने अपने उम्मीदवार की जीत के लिए राजनीतिक बिसात बिछानी भी शुरू कर दी है. पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इस बार एनडीए आधी आबादी के प्रतिनिधि यानी किसी महिला को अपना उम्मीदवार बनाने का दांव चल सकती है. वहीं दूसरी चर्चा देश के 40 फीसदी की आबादी वाले ओबीसी समुदाय के किसी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर भी है.
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अगर नाम की बात की जाए तो ये तय है की राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव में नए चेहरों को मौका दिया जायेगा. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के साथ आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं की इस मुद्दे बैठक और चर्चा हो चुकी है. अगर बीजेपी की वर्तमान रणनीति पर गौर करें तो इस बार भी पिछली बार की तरह कोई चौंकाने वाला नाम सामने आ सकता है. वैसे कई नाम की राजनीतिक गलियारों में चर्चा है. जिसमे अनुसुइया उइके, तमिलिसाई सुंदरराजन,आरिफ मोहम्मद खान,द्रौपदी मुर्मू शामिल है या दक्षिण भारत से संबंध रखने वाले किसी सक्रिय महिला नेता को भी बीजेपी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाना सकती है. जहां तक उम्मीदवार के नाम का सवाल है इसका खुलासा जुलाई में ही होगा ,जब नामांकन भरने की तारीख नजदीक आयेगी.
भले ही उम्मीदवार अभी तय नहीं है, लेकिन बीजेपी के टॉप लीडर्स ने इस चुनाव के लिए अपनी राजनीतिक गोटी बिछानी शुरू कर दी है. इसके लिए भाजपा की तरफ से रणनीतिक कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के हाथ में होगी तो वही संगठन स्तर पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा कमान संभालेंगे.
बीजेपी ने इस के लिए संपर्क, संवाद और समन्वय टीम तैयार कर दी है. लोकसभा की रणनीति के केंद्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रहेंगे, तो राज्यसभा में सदन के नेता और और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अहम भूमिका में रहेंगे. संसद के दोनों सदनों में समन्वय का काम संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी करेंगे.
राज्यों में जहां राजग की सरकारें हैं, वहां के मुख्यमंत्री अपने दल और गठबंधन के साथ मोर्चा संभालेंगे। वही जिस राज्य में बीजेपी किसी बड़े दल के साथ सत्ता में साझीदार है और मुख्यमंत्री किसी और दल का नेता है उसके साथ संपर्क और समन्वय का काम केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान देखेंगे. वहीं कई और नेता परदे के पीछे से बीजेपी की रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए नियुक्त किए गए है. वैसे बीजेपी के पास इस चुनाव के लिहाज से काफी ताकत है, लेकिन वाबजूद इसके बीजेपी को 8 से 9 हजार वोटों की जरूरत बंपर जीत के लिए होगी. ऐसे में बीजद और वाईएसआरसीपी जैसे दलों से संपर्क का काम भी कुछ हद तक शुरू हुआ है.
HIGHLIGHTS
- राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को हो रहा खत्म
- अब बीजेपी में राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार की अटकलें तेज
- इस बार राष्ट्रपति पद के लिए ओबीसी पर दाव खेल सकती है बीजेपी
Source : Vikas Chandra