logo-image

मुसलमानों को सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल करना अब भी मुश्किल: पार्टी अधिकारी

मुसलमानों को सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल करना अब भी मुश्किल: पार्टी अधिकारी

Updated on: 24 Aug 2021, 04:15 PM

पणजी:

भाजपा के राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के उपाध्यक्ष लियाकत अली ने मंगलवार को पार्टी के अल्पसंख्यक मोर्चा के सदस्यों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों का सामूहिक रूप से भाजपा में शामिल होना अभी भी मुश्किल है।

अली ने यह भी कहा कि भाजपा में मुसलमान 25 प्रतिशत हिस्सेदार हैं क्योंकि पार्टी की स्थापना करने वाले चार भाजपा अधिकारियों में से एक सिकंदर बख्त खुद मुसलमान थे।

अली ने दिवंगत की जयंती के उपलक्ष्य में यहां आयोजित एक समारोह में कहा, दो परिवारों को एक साथ लाएं और आप चार से आठ परिवारों को और जोड़ सकेंगे। सभी मुसलमानों को भाजपा में एक साथ लाना मुश्किल है। वे आसानी से शामिल नहीं होंगे।

सिकंदर बख्त को पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

अली ने मुस्लिम समुदाय के सदस्यों से सकारात्मक सोचने का आग्रह करते हुए कहा, मुसलमानों को एक साथ आना चाहिए, एकजुट होना चाहिए और सरकार के विकास प्रयासों में शामिल होना चाहिए। जब उन्हें पता चलता है कि मुसलमान उनके साथ हैं, तो वे आपका काम करने से पहले दो बार नहीं सोचेंगे।

अली 2022 के चुनावों से पहले पार्टी के आउटरीच कार्यक्रम के तहत गोवा में हैं।

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक मोर्चा के अधिकारी ने यह भी कहा कि मुसलमानों की संख्या राज्य की 15 लाख की आबादी में लगभग 1.5 से 2 लाख है। यह एक एडवांटेज है, क्योंकि अपेक्षाकृत कम संख्या के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को एकजुट करना आसान होगा।

उन्होंने कहा, गोवा 15 लाख की कुल आबादी वाला एक छोटा राज्य है। इसमें लगभग 1.5 से 2 लाख मुसलमान होंगे। 1.5 से 2 लाख लोगों को एकजुट करना आसान है। अन्य राज्यों में 50 लाख से दो करोड़ मुसलमान हैं, जिन्हें एकजुट होना मुश्किल है। यह एक छोटा राज्य है। यह भारत के लिए एक उदाहरण हो सकता है।

उन्होंने कहा, हम कई वर्षों के बाद इस कार्यक्रम (दिवंगत बख्त की जयंती) का आयोजन कर रहे हैं, क्योंकि हम भाजपा में 25 प्रतिशत हिस्सेदार हैं। 1980 में जब भाजपा की स्थापना हुई थी, उस समय चार संस्थापकों में से एक हम में से एक था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.