ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचार श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को नुकसान पहुंचाए जाने की घटना की निंदा की है।
कोलकाता में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति के साथ जो किया गया, उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता लेकिन इसके लिए तृणममूल कांग्रेस को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।
इस कार्यक्रम में बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच हल्की झड़प भी हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'श्यामा प्रसाद मुखर्जी के साथ जो हुआ, उसे हम किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे लेकिन इसके लिए तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार क्यों ठहराया जाए?'
उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल होने वाले लोगों की निंदा की जानी चाहिए। बनर्जी ने कहा, 'आप अपना काम कीजिए और मुझे अपना काम करने दीजिए। जिन्होंने यह किया है, उनकी निंदा की जानी चाहिए। जिन्होंने भी यह किया है, वह बंगाल के गर्व नहीं हैं। लेकिन मैं साथ ही त्रिपुरा ने लेनिन की मूर्ति गिराए जाने की भी निंदा करती हूं।'
गौरतलब है कि त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार आने के बाद कथित पार्टी समर्थकों ने दक्षिणी त्रिपुरा में रूसी साम्यवादी क्रांति के नायक ब्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को बुलडोजर से गिरा दिया था।
इसके बाद देश के अन्य राज्यों में भी आंबेडकर और पेरियार की मूर्ति को नुकसान पहुंचाया गया। इसी कड़ी में बंगाल में संघ के विचारक श्यामा प्रसाद की मूर्ति को भी नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।
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मूर्तियों को गिराए जाने की घटना को लेकर बीजेपी और वामपंथी दल आमने-सामने हैं। वामपंथी दलों का कहना है कि मूर्तियों को गिराकर बीजेपी देश भर में कम्युनिस्टों को निशाना बनाने की साजिश कर रही है।
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Source : News Nation Bureau