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राज्य संकीर्ण राजनीति छोड़ केंद्र संग समन्वय में काम करें, GST पर निर्मला सीतारमण की सलाह

एसटी में वृद्धि की बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2020 से जीएसटी का आसान वर्जन लाया जाएगा.

Updated on: 01 Feb 2020, 12:28 PM

highlights

  • अप्रैल 2020 से जीएसटी का आसान वर्जन लाया जाएगा.
  • उपभोक्ताओं को एक लाख करोड़ रुपए का सालाना लाभ.
  • सबसे ज्यादा फायदा ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक क्षेत्र को मिला.

नई दिल्ली:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने दूसरे बजटीय भाषण (Budget 2020) में राज्य सरकारों से अपील करते हुए कहा कि संकीर्ण राजनीति से ऊपर उठकर केंद्र सरकार के साथ समन्वय में काम करें. उन्होंने कहा कि 2019 लोकसभा में मोदी सरकार को मिला जनादेश वास्तव में केंद्र सरकार की नीतियों पर जताया गया विश्वास है. जीएसटी में वृद्धि की बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2020 से जीएसटी का आसान वर्जन लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि जीएसटी से सबसे ज्यादा फायदा ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक क्षेत्र को मिला है.

MSME को पहुंचा खूब फायदा
उन्होंने कहा कि जीएसटी के जरिए इंस्पेक्टर राज खत्म करने में मदद मिली है. धीरे-धीरे जीएसटी कर प्रणाली में स्थिरता आ रही है. इसके साथ ही जीएसटी ने माइक्रो, लघु और मध्यम दर्जे के उद्यमियों को काफी फायदा पहुंचाया है. और तो और उपभोक्ताओं को जीएसटी के जरिये एक लाख करोड़ रुपए का सालाना लाभ हुआ है. जीएसटी से टैक्स दरों में कमी आई है.

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एमनेस्टी स्कीम
आयकर (Income Tax) के पुराने विवादों का समाधान नई एमनेस्टी स्कीम (Amnesty Scheme) के जरिए करके सरकार करीब दो लाख करोड़ रुपये जुटा सकती है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को आम बजट 2020-21 (Budget 2020) लोकसभा में पेश करते हुए ऐसी नई स्कीम की घोषणा कर सकती है क्योंकि सरकार उन साधनों को तलाश रही है जिससे राजस्व को बढ़ाया जाए. यहां एमनेस्टी स्कीम से मतलब कर विवादों के निपटारे के लिए सरकार द्वारा लाई जाने वाली माफी योजना से है जिसमें सरकार विवादों के निपटारे के लिए आयकरदाताओं को बकाया कर का भुगतान करने का मौका देती है.

सबका विश्वास योजना का आईना
यह एमनेस्टी स्कीम सरकार के लिए सबका विश्वास योजना का आईना बन सकती है. सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क समाधान एमनेस्टी स्कीम से सरकार ने करीब 38,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं. नई स्कीम कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर के पुराने विवादों के लिए होगी जिनमें पांच लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की भारी-भरकम राशि फंसी हुई है. सूत्र बताते हैं कि मोदी सरकार को उम्मीद है कि इस स्कीम के जरिए कॉरपोरेट और व्यक्तिगत कर से दो लाख करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.