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जम्‍मू-कश्‍मीर हाईकोर्ट ने फेसबुक इंडिया पर FIR दर्ज करने के दिए आदेश

जम्‍मू निवासी एक शख्‍स ने फेसबुक इंडिया (Facebook India) पर विज्ञापन के जरिए ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) करने का आरोप लगाया है. 

Updated on: 21 Feb 2021, 09:28 AM

highlights

  • पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस की साइबर सेल के पास भी गया था लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की.
  • ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में फेसबुक इंडिया, भारत में इसके प्रमुख और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है.

श्रीनगर:

जम्‍मू-कश्‍मीर हाईकोर्ट (Jammu and Kashmir High Court) ने फेसबुक इंडिया हेड व अन्‍य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. जम्‍मू निवासी एक शख्‍स ने फेसबुक इंडिया (Facebook India) पर विज्ञापन के जरिए ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) करने का आरोप लगाया है.  जम्मू -कश्मीर हाई कोर्ट ने एक स्थानीय निवासी की शिकायत पर ऑनलाइन धोखाधड़ी मामले में फेसबुक इंडिया, भारत में इसके प्रमुख और छह अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. शिकायतकर्ता का आरोप है कि पिछले वर्ष सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर दिए गए विज्ञापन के जरिए उसके साथ 20,000 रुपये से ज्‍यादा की धोखाधड़ी की गई. शिकायतकर्ता का आरोप है कि कर्ज दिलाने के नाम पर यह ठगी की गई.

न्यायमूर्ति धीरज सिंह ठाकुर ने 17 फरवरी को दिए अपने एक आदेश में कहा कि पुलिस की साइबर प्रकोष्ठ के प्रभारी प्राथमिकी दर्ज करेंगे और साइबर अपराध से निपटने वाली संबंधित इकाई इस मामले की जांच करेगी. याचिकाकर्ता विवेक सागर के वकील दीपक शर्मा द्वारा दायर याचिका पर अदालत ने यह आदेश जारी किया.

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खास बात यह है कि हाई कोर्ट ने इस मामले में विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट के दो सितंबर 2020 को दिए उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आरोपी द्वारा संज्ञेय अपराध किया पाए जाने पर ही प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया गया था.
विज्ञापन के जरिए Online Fraud करने का आरोप
पीड़ित ने जम्‍मू-कश्‍मीर हाईकोर्ट (Jammu and Kashmir High Court) को बताया कि वह फेसबुक, बजाज फाइनेंस व क्वाड्रेंट टेलीवेंचर व अन्य ने इंटरनेट व एसएमएस सर्विस का इस्तेमाल करते हुए उससे 20,700 रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी (Online Fraud) की गई है.मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस डीएस ठाकुर ने पुलिस की साइबर सेल को इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच करने के आदेश जारी कर दिए हैं. पीड़ित के वकील के अनुसार उसके साथ जिस तरह की धोखाधड़ी हुई है उसे देखते हुए आईपीसी और आईटी एक्ट, 2000 का मामला बनता है.

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पीड़ित की ओर से एडवोकेट दीपक शर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए पुलिस की साइबर सेल के पास भी गया था लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद पीड़ित ने स्थानीय कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. इसके साथ ही पीड़ित ने धोखाधड़ी में शामिल आरोपियों के खिलाफ 156(3) सीआरपीसी के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की हैं. पीड़ित की याचिका पर सुनवाई करते हुए स्‍थानीय कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का अंतिम फैसला पुलिस अधिकारियों पर छोड़ दिया. तब पीड़ित ने स्थानीय कोर्ट के इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी. इस मामले में अब जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने फेसबुक इंडिया हेड व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं.