राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बारां, झालावाड़, कोटा और बूंदी जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई दौरा करने के बाद गहलोत सरकार पर तीखा हमला किया है।
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार जयपुर के सिविल लाइंस में चैन की नींद सो रही है, जबकि कई लोग बाढ़ से बुरी तरह से पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दौरा किया था जब भारतीय तटों पर चक्रवात तौकता आया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों की मदद की। अब राजस्थान के सीएम को भी लोगों के मदद के लिए सामने आना चाहिए।
वसुंधरा ने कहा, राज्य सरकार ने पिछले 10 दिनों से अत्यधिक बारिश से पैदा हुई बाढ़ के दौरान लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया है। संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री और मंत्री के माध्यम से स्थिति की समीक्षा करने में लगे हुए हैं। लोगों के दर्द और पीड़ा को जानने के बजाय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर रहे है। बाढ़ से दर्जनों लोग मारे गए और सैकड़ों घर गिर गए। हजारों जानवर मर गए और कई लापता हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हाड़ौती में 100 प्रतिशत फसलें नष्ट हो गई हैं। हालांकि, संभागीय आयुक्त ने केवल 30 प्रतिशत फसल क्षति की सूचना दी है। बारां, झालावाड़, कोटा और बूंदी के अधिकांश क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। लेकिन इन लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
राजे ने कहा कि हाड़ौती में सरकार की अदूरदर्शिता के कारण ऐसी स्थिति पैदा हुई है। पूरा राज्य राजनीतिक कारणों से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के बंद होने से पीड़ित है,जो हमारी सरकार द्वारा चलाई गई थी। इस योजना के माध्यम से गाँव का पानी गाँव में ही रहता था और खेत का पानी एकत्र किया जाता था।
वसुंधरा ने कहा, अब स्थिति ऐसी है कि लगभग पूरी हाड़ौती जलमग्न हो गई है। सोयाबीन, चावल, उड़द, मक्का और ज्वार बोने वाले हाड़ौती के किसानों की आंखों से आंसू छलक पड़े हैं क्योंकि उनकी सभी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
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Source : IANS